किसान नेता बच्चू कडू की संकल्पना का ड्रीम प्रोजेक्ट हुआ साकार
गणोजा-बेलोरा सिंचाई परियोजना दो तहसील के लिए वरदान
* सात साल का प्रशासनिक संघर्ष सफल
* 40 प्रतिशत काम हुआ पूरा
* 23 गांवों को होगा लाभ
चांदूर बाजार/दि.12-बलिराजा यानी किसान राजा की उन्नति और उनके आर्थिक उत्थान के लिए काम करने वाले किसान नेता बच्चू कडू ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में अब तक कई सफल परियोजनाएं शुरु की है और उनमें से एक है गणोजा बेलोरा ड्रिप सिंचाई परियोजना. बच्चू कडू की संकल्पना वाला यह ड्रीम प्रोजेक्ट सात साल के प्रशासनिक संघर्ष के बाद शुरू किया गया है और इसका 40 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. यह परियोजना, जो अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र के दो तहसील के लिए एक वरदान साबित होगी. इस परियोजना के कारण 2 हजार हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा. यह परियोजना 23 गांवों को लाभान्वित करेगी. यह निश्चित है कि बच्चू कडू के साहसिक प्रयासों से पूरी होने वाली यह परियोजना शुष्क भूमि के किसानों को वित्तीय उत्थान की ओर ले जाएगी.
तहसील में पूर्णा मध्यम प्रकल्प का काम पूरा हो चुका है. पीने के लिए आरक्षित पेयजल के अलावा, परियोजना के जलाशय से तहसील में 6275 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई की गई है. इस परियोजना में अन्य कारण हेतु अतिरिक्त जल भंडारण परियोजना निर्माण के बाद से ही निरुपयोगी था. इस निरुपयोगी अतिरिक्त जलभंडारण का कॅनाल के लिए किसानों की भूमि अधिग्रहित किए बिना सिंचाई क्षमता कैसे बढाई जा सकती है? इसका बच्चू कडू ने गहन एवं तकनीकी अध्ययन किया. इसके लिए उन्हें सरकार और प्रशासन से पंगा भी करना पडा. सात साल के लंबे संघर्ष के बाद अंतत: उनके प्रयास सफल हुए. इस योजना में सिंचाई के लिए बिजली का उपयोग करने के बजाय भूमिगत पाइप लाइनों के माध्यम से किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलना चाहिए. साथ ही योजना के सिंचाई क्षेत्र के हर खेत तक पाइप लाइन के माध्यम से पानी पहुंचे, ऐसी इच्छा विधायक बच्चू कडू की थी. इसलिए यह सिंचाई परियोजना उनकी संकल्पना का एक ड्रीम प्रोजेक्ट था. उन्होंने सिंचाई विभाग के कुछ कार्यतत्पर अधिकारियों के समक्ष अपनी इस संकल्पना को रखा. उनमें से कुछ अधिकारियों ने इस योजना के महत्व को समझा. तदनुसार, संबंधित अधिकारियों ने इस योजना पर काम करना शुरू कर दिया. और योजना का प्रारूप तैयार किया गया. इस योजना को सरकार के समक्ष पेश करते समय कई राजनीतिक और तकनीकी कठिनाइयां आईं. सिंचाई विभाग के अभियंताओं द्वारा तकनीकी त्रुटियों को दूर किया गया. हालांकि, जब तक इस योजना को प्रशासनिक मंजूरी नहीं मिल मिली तब तक बच्चू कडू को सात वर्षों तक राजनीतिक विरोध का सामना करना पडा.
* 40 प्रतिशत काम पूरा
काफी प्रयास के बाद परियोजना का कार्य 40 प्रतिशत पूरा होने पर 2021 में योजना को प्रशासनिक मंजूरी मिल गयी. इसके बाद 2022 में मंजूरी मिल गई और योजना के लिए आवश्यक निधि आवंटित कर दी गई. योजना का कार्य अप्रैल 2023 से प्रारंभ हुआ. आज इस योजना का काम 40 फीसदी पूरा हो गया है. योजना का काम जून 2025 तक पूरा हो जायेगा. इस सिंचाई परियोजना की प्रस्तावित सिंचाई क्षमता 2622 हेक्टेयर है. लेकिन परियोजना के पूरा होने के बाद पाइपलाइन से वास्तविक सिंचाई 2090 हेक्टेयर होगी. इस सिंचाई योजना का लाभ चांदूरबाजार और मोर्शी तहसील के 23 गांवों के किसानों को मिलेगा.
बिजली के बिना होगी तुषार सिंचाई
पूर्णा प्रकल्प से गुरुत्वाकर्षण द्वारा आने वाले आठ किलोमीटर पानी को आठ के.जी.वॉट इतनी शक्ति होनेवाली है. जिससे किसान बिना बिजली के अपने खेतों में तुषार सिंचाई के आठ नोजल चला सकेंगे. परिणामस्वरूप, इस सिंचाई परियोजना के पूरा होने के बाद 23 गांवों के किसानों के लिए यह वरदान साबित होगी.
इन अधिकारियों का सहयोग प्राप्त हुआ
बच्चू कडू के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को शाखा अभियंता रमेश राऊत ने पेपर वर्क पर साकार किया. गली से लेकर दिल्ली तक पूरे प्रोजेक्ट में इस सिंचाई योजना के लिए पानी नहीं बचा है. परिणाम स्वरूप योजना को मंजूरी नहीं दी जा सकती. इस बात पर जोर दिया. लेकिन उप-अभियंता दादाराव ढोले ने इस सिंचाई योजना के लिए एक प्रबंंध (थीसिस) तैयार की कि पूर्णा परियोजना से कैसे और कितना पानी उपलब्ध कराया जा सकता है? इसे शासन-प्रशासन को सौंप दिया गया. तदनुसार, पूर्णा प्रकल्प के मूल संशोधित प्रशासकीय मंजूरी प्रस्ताव में इस सिंचाई योजना को सम्मिलित कर उक्त योजना का प्रस्ताव पुनः प्रस्तुत किया गया. सहायक अभियंता आशीष राऊत ने इस प्रस्ताव में समय-समय पर आयी त्रुटियों को सुधारा. कार्यकारी अभियंता आडे द्वारा योजना मंजूरी के लिए सतत प्रशासनिक स्तर पर जायजा लिया गया. साथ ही बच्चू कडू ने प्रशासनिक मंजूरी के लिए सरकार और प्रशासन पर दबाव बढाया. अंततः कार्यकारी संचालक शुक्ला ने इस योजना को प्रशासनिक मंजूरी दे दी. फिलहाल इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए इंजीनियर अनुप खवाने और प्रज्वल वंजारी काम कर रहे हैं.
इस योजना में शामिल गांव
बच्चू कडू का ड्रीम प्रोजेक्ट रहने वाली इस योजना में गणोजा, सुरली, निमखेड, हाशमपुर, जालनापुर, बहादुरपुर, शिलिमपुर, रिद्धपुर, नजरपुर, सोनोरी, सुल्तानपुर, शाहपुर, इमामपुर, यशवंतपुर, गोपालपुर, बोरज, मिर्जापुर, खंजरपुर, शर्यतपुर, मुबारकगांव, शिकंजा, इसमें जसापुर, शिवपुर, भानगांव, बेलोरा गांव शामिल हैं.
390 करोड का काम सिर्फ 51.76 करोड में होगा पूरा
सरकार को 2090 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के दायरे में लाने के लिए एक नया बांध बनाना होगा. इसके लिए सरकार को 390 करोड रुपए खर्च करने होंगे. इसके लिए सरकार और प्रशासन को कई कठिनाइयों से गुजरना होगा. गणोजा-बेलोरा सिंचाई योजना के माध्यम से 2090 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई की जाएगी. जिसकी संकल्पना बच्चू कडू द्वारा की जा रही है. इस पर सिर्फ 51 करोड 76 लाख रुपए खर्च होंगे, इसलिए इस सिंचाई योजना से सरकार को 338 करोड 24 लाख रुपये की बचत हुई है.