अमरावतीमहाराष्ट्र

विधि शाखा की शितकालीन परीक्षा की अवधि बढाई

मूल्यांकन के दर्जे में करें सुधार

* अभाविप का कुलगुरु को ज्ञापन
अमरावती/दि.5– अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की अमरावती महानगर शाखा ने संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के कुलगुरु को विधि शाखा की शितकालीन सत्र की परीक्षा आगे करने के लिए व निकृष्ट मूल्यांकन में सुधार करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा.
विधि शाखा के चालू सत्र की शुरुआत 29 अगस्त से हुई है. विद्यापीठ ने शितकालीन सत्र परीक्षा आगामी एक माह में नियोजित की है. देखा जाए तो विद्यापीठ के नियमानुसार एक सत्र के लिए 90 दिन की कालावधि देना अनिवार्य है. ऐसा रहते हुए भी विद्यापीठ ने शितकालिन सत्र एक माह में आयोजित किया है. इस संदर्भ में किसी भी तरह की पूर्व सूचना न देते हुए विधि शाखा का नया अभ्यासक्रम लागू होगा, ऐसा 27 सितंबर को घोषित किया गया. इतनी कम कालावधि में यह संपूर्ण अभ्यासक्रम पूर्ण होना संभव नहीं है. इस कारण विधि शाखा के विद्यार्थी संभ्रम अवस्था में है. विद्यापीठ द्वारा परीक्षा आगे करने की विद्यार्थियों की मांग है. परीक्षा का मूल्यांकन करते समय काफी निकृष्ट दर्जे का यह हो रहा है. नियमित नतीजे और पुनर्मूल्यांकन के परिणाम में काफी अंतर है. इसका असर विद्यार्थियों की शैक्षणिक बातों पर हो रहा है. इस बात को ध्यान में रखते हुए निकृष्ट दर्जे का मूल्यांकन करने पर कडी कार्रवाई करने की मांग इस अवसर पर की गई. पुनर्मूल्यांकन में उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों को उनके पैसे वापस करने, परीक्षाफल 45 दिनों में ही घोषित करने की मांग को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की महानगर सहमंत्री तृष्णा चव्हाण व विद्यार्थियों ने ज्ञापन सौंपा. अभाविप ने विद्यापीठ को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया है अन्यथा आंदोलन की चेतावनी दी है.

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