‘वाहेगुरु’ की गूंज केसाथ गुरुग्रंथ साहब जी का ससम्मान गुरुद्वारा गुरुनानक दरबार साहब में आगमन
रेड कारपेट बिछाकर सलूजा परिवार के निवासस्थान से गुरुग्रंथ साहबजी को पुष्पवर्षा के साथ गुरुद्वारा तक लाए
* बडे भक्तिभाव से गुरुग्रंथ साहबजी का नवनिर्मिथ गुरुद्वारा में प्रकाश किया
* इंदौर व जबलपुर के रागीजत्था का कीर्तन और अखंड पाठसाहबजी का आरंभ
अमरावती/दि.17 – बडनेरा शहर के नवनिर्मित गुरुद्वारा गुरुनानक दरबार साहेब में गुरुग्रंथ साहब जी का प्रकाश व ‘गुरुमत समागम’ का आज सुबह 9.30 बजे से बडे हर्षोल्लास के साथ शुभारंभ हो गया. सलूजा परिवार के निवासस्थान से गुरुग्रंथ साहब जी को ससम्मान के साथ बहुत प्यार और सत्कार के साथ सिख व सिंधी समुदाय के भक्त ‘वाहेगुरु- वाहेगुरु ’ का जा4प करते हुए गुरुद्वारा गुरुनानक दरबार साहेब में लेकर आए. इस दौरान जगह-जगह श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा भी की. पश्चात गुरुग्रंथ साहब जी के प्रकाश के साथ अखंड पाठसाहेब व कीर्तन दिवान का शुभारंभ हुआ.
बडनेरा शहर के इश नवनिर्मित गुरुद्वारा गुरुनानक दरबार साहेब में शुक्रवार 17 से 19मार्च तक गुरुग्रंथ साहब जी का प्रकाश के साथ ‘गुरुमत समागम’ का शुभारंभ हो गया है. आझ सुबह 9.30 बजे के दौरान सलूजा परिवार के घर से गुरुग्रंथ साहब जी को ससम्मान के साथ बडनेरा – अमरावती के सिख व सिंधी समुदाय के भक्तगण गुरुद्वारा गुरुनानक साहब दरबार में बहुत प्यार व सत्कार के साथ ‘ वाहेगुरु-वाहेगुरु’ के जाप के साथ लेकर आए. जगह-जगह पुष्पवर्षा के साथ गुरुग्रंथ साहब का स्वागत और कडी धूप में छत्र के नीचे ज्ञानी गुरु प्रदीप सिंघजी, घर के वजीर भाई अपने सिर पर गुरुग्रंथ साहब को लेकर चल रहे थे, साथ ही गगनचूंभी ‘वाहेगुरु-वाहेगुरु’ की आवाज के साथ संपूर्ण परिसर मनमोहक व भक्तिमय हो गया था. रेड कारपेट पर चलते हुए ज्ञानीजी के सामने पानी का छिडकाव व फूलो की वर्षा हो रही थी. सभी ‘गुरुनानक लेवा सातसंगत वाहेगुरु-वाहेगुरु’ करते हुए बडे भक्तिभाव से आगे बढ़ रहे थे. गुरुद्वारा गुरुनानक दरबार साहेब पहुंचते ही गुरुग्रंथ साहेब जी का प्रकाश किया गया और अखंड पाठसाहबजी की आरंभता की गई. इस समय कीर्तन बडनेरा के ज्ञानीजी व अमरावती के भाईसाहब भाई भूपेंदरजी ने सातसंगत को गुरबानी राही जोडने का यत्न किया. उसके बाद अरदास व गुरु का लंगर अतुट बढ़ता गया. इंदौर व जबलपुर के रागीजत्थे ने कीर्तन किया. इस समय सिख व सिंधी समुदाय के सैंकडो भक्तगण उपस्थित थे. इनमें शरणपालसिंग अरोरा, तजिंदरसिंग उबवेजा, हरबख्थसिंग उबवेजा, रणजीतसिंग अरोरा, हरभजनसिंग सलूजा, मनजीतसिंग होरा (रिंकु), कुलबीरसिंह अरोरा, कृपालसिंग बावरी, तीरथसिंग बावरी, स्वर्णसिंग हुडा, सतबीरसिंग अरोरा, अमरजीतसिंग सलूजा, सतपालसिंग अरोरा, मलकुसिंग बावरी, जसमीतसिंग सलूजा, हरप्रीतसिंग अरोरा, गरुदयालसिंग बावरी, शक्तीसिंग बावरी, शैलेंद्रसिंग बावरी, गुरमीतसिंग हुडा, अनमोलसिंग हुडा, श्लोकसिंग हुडा, नंदु धामाई, श्रीचंद बिल्दानी, सुरजीतकौर अरोरा, कमलेशकौर हुडा, सतनामकौर सलूजा, मनप्रीतकौर सलूजा, नरिंदरकौर अरोरा, स्वर्णकौर अरोरा, सतनामकौर हुडा, परमजीतकौर हुडा, कुलवंतकौर मदान, हसनोकौर बावरी, कामनकौर बावरी, सजनाकौर बावरी, महेंद्रकौर बावरी, मिन्नी अरोरा, नैन्सी अरोरा, पुष्पा बग्गा, अनिता उबवेजा, लाडी सलूजा, स्वीटी सलूजा, रानी सलूजा, रैनी होरा, माता इकबालकौर होरा, अशोक दुल्हानी, धरमदास चेलानी, टेकचंद केसवानी, मोहन बजाज, गिरीश सावला, प्रीतीका सावला, दिव्या धमाई, भावना जाधवानी, कंचन गेमनानी, मंजू धमाई, महेश धमाई, मोहन बजाज, सीमा धमाई, प्रीती प्रथानी, अनिता चेलानी, सुनिता आसनानी, सुरजीतकौर सलूजा, सोनू बग्गा, रितू बग्गा, वरिन्दरकौर बग्गा, सनमीतकौर बग्गा, राजेंद्रसिंग सलूजा, गुरुविंदरसिंग बेदी, राजू मोंगा, पप्पू राजपूत, राज छाबडा, कमलकौर मोंगा, सतविंदरकौर अरोरा, सुरजीतसिंग होरा, इकबालकौर होरा, सतनामकौर बग्गा, परमिंदरसिंग अरोरा, निक्की अरोरा, अंशदीपसिंग अरोरा, मनमीतकौर हुडा, सजनकौर हुडा, नरेंद्रकौर अरोरा, मिन्नी हुडा, विजय घिंदानी, रिजककौर अरोरा, राकी मोंगा, सीटू सलूजा, रविंदरसिंग सलूजडा, नमन सलूजा, बुग्गा अरोरा, राजु बग्गा, अंजू पोपली, माता सानी पोपली, गुरप्रितकौर पोपली, फन्टू सलूजा, तजिंदर जुनेजा, राजेश छाबडा, जसमीतकौर अरोरा, दिलीपसिंग बग्गा, रिया सलूजा, दिप्पी बग्गा, रम्मी बेदी, गुंजन छाबडा, मूलचंद पुरसवानी, प्रीतमदास चेतवानी, जय बिल्दानी, त्रिलोकचंद पंजवानी, जया गेमनानी, अनिता चेलानी, बानीबाई सिरवानी, प्रीती छाबडा, कमल चेनानी, वकील जयसिंघानी समेत अनेक श्रद्धालुओं का समावेश था.
* अनेक भक्तो की सेवा
गुरुमत समागम में सिख व सिंधी समुदाय के अनेक भक्तगण अपनी सेवाएं दे रहे है. यहां गठित विविध समिति में लंगर सेवा गुरबिंदरसिंग बेदी, राजेंद्रसिंह सलूजा, निक्कू खालसा, अमरजोतसिंग जग्गी, रवींद्रसिंग सलूजा, बिट्टू वीरजी, अमरजीतसिंह जुनेजा, हरविंदरसिंह राजपूत, राजसिंह छाबडा, तेजिंदरसिंह ओबेजा आदि दे रहे है.
* संत बाबा बलविंदर सिंघजी का 19 को आगमन
नांदेड के संत बाबा बलविंदर सिंघजी का रविवार 19 मार्च को सुबह 9.30 बजे बडनेरा शहर में आगमन होगा. उनके पधारने के बाद सलूजा परिवार के घर से नगर कीर्तन के रुप में गुरुग्रंथ साहबजी का स्वरुप गुरुद्वारे में प्रकाश मान किया जाएगा.
* कोई पैर छुने का प्रयास न करें
गुरुमत समागम के अवसर पर बडनेरा में नांदेड के संत बाबा बलविंदर सिंघजी विशेष रुप में पधारने वाले है. उनकी सुरक्षा व्यवस्था भी कडी रहती है. सिख समुदाय ने सभी भक्तगणो से आवाहन किया है कि उन्हें नगर कीर्तव व प्रकाश मान के दौरान पैर छुने का प्रयास न करें.
* हर दिन सुबह-शाम गुरु का लंगर
बडनेरा के नवनिर्मित गुरुद्वारा गुरुनानक दरबार साहब में शुक्रवार 17 से रविवार 19 मार्च तक हर दिन सुबह- शाम अरदास व गुरु का लंगर आयोजित किया गया है. रविवार को गुरु के लंगर में 15 से 20 हजार भक्तगणो की मौजूदगी की संभावना रहते भव्य स्वरुप में तैयारियां की गई है.