अमरावती

बहिरम में पशु बली को रोकने वाले कर्मयोगी के पुतले की हो रही अवहेलना

जिंदगी भर स्वच्छता का संदेश देने वाले का ही पुतला गंदगी के साये में

अमरावती /दि. 11– जिले के बहिरम क्षेत्र में वर्षो पूर्व जारी पशु बली को रोकने के लिए संत गाडगे बाबा ने अथक प्रयासों के बाद पशु बलि प्रथा को रुकवाया था. जिससे खुश होकर बाबा की मृत्यु पश्चात गांव के लोगों व्दारा गाडगेबाबा की मूर्ति परिसर में लगाई गई थी. किंतु आज यह मूर्ति उपेक्षा का शिकार हो चुकी है. मूर्ति क्षेत्र के चारों ओर कटिली झाडियां व गंदगी का साम्राज्य फैल चुका है. मगर इसे देखने व परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए किसी भी तरह से कोई जनप्रतिनिधी सामने नहीं आने से गाडगे बाबा के अनुयायियों में नाराजगी देखी जा रही है.

जिले सहित पुरे महाराष्ट्र में प्रसिध्द चांदुर बाजार तहसील के बहिरम यात्रा महोत्सव में 20 दिसंबर से शुरू होगा. इस यात्रा महोत्सव के दौरान महाराष्ट्र के लाखों भाविक भक्त बहिरम में भैरोबाबा के दर्शन के लिए आते है. वही क्षेत्र में मशहुर मटन हंडी का स्वाद चखने के लिए भी यहां पर दुर दराज से शौकिनों का आना होता है. जिसका पुरे महाराष्ट्र में खासा महत्व है. इस यात्रा में कुछ वर्षो पूर्व भाविकों व्दारा अपनी मनोकामना पुर्ण करने के लिए पशु व मुर्गी की बलि देते है. उस समय के काल में परिसर में बडे प्रमाण पर अंधश्रध्दा फैली हुई थी. जिस बात को संत गाडगे बाबा महाराज ने समझते हुए बहिरम यात्रा में अपने किर्तन के व्दारा बली प्रथा पर प्रहार कर बलि प्रथा का विरोध कर उसे बंद कराया था. गाडगे महाराज व्दारा किए गए अच्छे कामों के कार्य के बदले इस क्षेत्र में नागरिकों ने यात्रा परिसर में महाराज की मृत्यु पश्चात पुतला स्थापना की थी. बाबा के पुतला का कितने ही वर्ष से यात्रा परिसर में स्थापित है. मगर आज इस पुतले की विडंबना हो रही है. पुतला परिसर में चारो तरफ कचरे का ही साम्राज्य फैला हुआ है. पुतले के चबुतरे के चारों तरफ बडी-बडी झाडियां व कटिले पौधे उत्पन्न हो चुके है. छाडियों के कारण गाडगेबाबा का पुतला पुरी तरह छुप चुका है. हर वर्ष बहिरम क्षेत्र में विभिन्न आयोजन कराने वाले नेता भी इस पुतले का किसी तरह से ध्यान नहीं दे रहे है. गाडगेबाबा के नाम पर राजनितिक रोटी सेकने वाले नेता भी अब इस पुतले की ओर से अपना मुंह मोड चुके है. बहिरम विकास व सौंदर्यीकरण के नाम पर आने वाली करोडो रुपये की निधी में से भी परिसर में लगे गाडगेबाबा के पुतले पर किसी की दृष्टी नहीं पड रही है. बहिरम उत्सव मेले के दौरान सरकार को करोडों रुपये का राजस्व वसुल होता है फिर भी गाडगे बाबा पुतले के विकास या सौंदर्यीकरण के लिए किसी तरह का कोई नियोजन नही करने से लोकविकास संगठन के संस्थापक अध्यक्ष गोपाल भालेराव ने अपने पदाधिकारियों के साथ परिसर का दौरा किया. परिसर की दयनीय हालत देख उन्होनें दुख जताया. इस समय रमण लंगोटे, सविधान मोहोल, किशोर तायडे, इरफान सौदागर, प्रेम मोहोल, विपुल चौधरी, राम राहाटे, राहुल सोलव, रोशन भडांगे, अजिंक्य मोहोल, यश तायडे, वसतीश ठाकरे, आकाश खेलदार, ऋषिकेश रडके, सुबोध मोहोल, रोशन नव्हाये, कैलास गंडलिग, मोषराज दांडगे, रमेशराव मोहोड इत्यादी पदाधिकारी व नागरिक उपस्थित थे.

लोकविकास संगठन करेगा पुतले जिणोव्दार
पुतला परिसर में कई तरह के आयोजन सहित शंकर पट व अन्य कार्यक्रम किए जाते है. लेकिन किसी भी नेता या जनप्रतिनिधि व्दारा पुतला परिसर के सौंदर्यीकरण की बात नहीं की जाती है. जिसको देखते हुए लोकविकास संगठन की ओर से गाडगेबाबा पुतला परिसर का जिर्णोव्दार किया जाएगा.
गोपाल भालेराव, अध्यक्ष लोकविकास संगठन

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