अमरावती

ईश्वरीय उपासना से मिलने वाली उर्जा जीवन को सवारती है

विधायक सुलभा खोडके पा प्रतिपादन

* विठ्ठल रुख्मिणी मंदिर वर्धापन दिन समारोह में उमडी भक्तों की भीड
* सदिच्छा कॉलोनी, विनायक नगर में श्रीमद भागवत व अखंड हरिनाम सप्ताह
अमरावती/ दि.20 – महाराष्ट्र संतों की भूमि है. संतों के बताये अनुसार हम सभी लोग संस्कृति और परंपरा का जतन करते है. श्रीमद भागवत कथा श्रवण से मिलने वाले आनंद के कारण ईश्वरीय भक्ति की मिठास और अधिक बढ जाती है. फिलहाल विज्ञान युग को देखते हुए मोबाइल, फेसबु, वॉटस्एप, लैपटॉप के काल में भी ईश्वरीय नामस्मरण व अध्यात्म के कार्य में शामिल होने के कारण मिलने वाली उर्जा जीवन के लिए लाभदायी होगी. इसके साथ ही भक्ति, श्रद्धा, आराधना, सत्संग, ध्यान धारणा से मिलने वाली शक्ति से सकारात्मक भावना बढने से ताकत मिलती है, ऐसा प्रतिपादन विधायक सुलभा खोडके ने व्यक्त किया.
विनायक नगर परिसर स्थित श्री विठ्ठल रुख्मिणी नगर में आयोजित श्रीमद भागवत व अखंड हरिनाम सप्ताह आयोजित किया गया. श्री विठ्ठल रुख्मिणी चैरिटेबल ट्रस्ट व्दारा आयोजित श्री विठ्ठल रुख्मिणी मंदिर वर्धापन दिन के अवसर पर वे बोल रही थी. परिसर में 13 से 20 दिसंबर तक आयोजित कार्यक्रम में रोजाना भक्त अपने परिवार के साथ उपस्थित रहकर श्रीमद भागवत तथा श्रवण का लाभ ले रहे है. बीते रविवार को विधायक सुलभा खोडके ने भेंट देकर श्रीमद भागवत कथा का पूजन किया. इसके बाद उन्होंने माता रुख्मिणी-भगवान श्रीकृष्ण विवाह, गोवर्धन पर्वत उठाकर व्दारकानाथ श्रीकृष्ण ने किये देवराज इंद्र के गर्व का हरण आदि प्रसंग का भागवत प्रवक्ता हभप श्री रविंद्र महाराज कालमेघ (जलका शहापुर) की अमृत वाणी में उच्चारण किया. इस दौरान ट्रस्ट की ओर से सदाशिव चिंचे, विश्वास मांजरे ने विधायक खोडके का शाल, श्रीफल व पुष्पगुच्छ देकर सत्कार किया. इस समय कमलताई देशमुख, यश खोडके, सदाशिवराव चिंचे, विश्वासराव मांजरे, विजयराव भुयार, वामनरावजी खरबडे, ओंकारराव बोबडे, बबनरावजी जवंजाळ, विजयराव गोमेकर, रमेशराव सोरते, संजयराव कुलकर्णी, प्रमोद महल्ले, योगेश सवई, सारिका महल्ले, मीनल सवई, संगीता देशमुख, अखिल हाते, सचिन वसू, सुरेश चौधरी, अभिजित इंगोले, आदेश देशमुख, बबलू बेलसरे, श्रीकांत नागे, नितीन फुसे, विक्रांत पंडित, सुरज ( महाराज), छायाचित्रकार-महेंद्र किल्लेकर, संदीप बुरघाटे, शुभम यादव, आशिष कपिल, आनंद यादव, राजेश विधळे, राजाभाऊ यादव, सुदर्शन बाखडे, चिंचे, इंगोले, कुलकर्णी, सोरते, हभप आकाश महाराज लक्षणे, सागर महाराज रामचवरे, गजानन महाराज बाँडे, अनिलजी महाराज देशमुख आदि अन्य बडी संख्या में उपस्थित थे.

 

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