अमरावती/दि.7 – जिला ग्राहक शिकायत निवारण आयोग के अध्यक्ष सुदाम देशमुख व सदस्या शुभांगी कोंडे ने युनिर्वसल सोम्पु जनरल इन्शुरनस् कंपनी को आदेश दिया है कि, वे शिकायतकर्ता डॉ. प्रकाश दाभाडे को उनके वाहन की बिमा राशि 3 लाख 24 हजार 354 रूपये, उस पर 10 फीसदी ब्याज, शारीरिक व मानसिक तकलीफ हेतु 20 हजार रूपये तथा शिकायत खर्च हेतु 10 हजार रूपये अदा करें.
शिकायकर्ता डॉ. प्रकाश दाभाडे के मुताबिक उन्होंने अपने वाहन क्रमांक एमएच 27/बीई 4538 का 4 लाख 24 हजार 354 रूपयों का बिमा युनिर्वसल सोम्पु जनरल इन्शुरन्स कंपनी के जरिये 25 अप्रैल 2018 से 24 अप्रैल 2019 हेतु निकलवाया था. इसी दौरान शिकायतकर्ता को दर्यापुर में छोडकर वहां से वापिस लौटते समय सामने से आ रहे वाहन से बचने का प्रयास करते समय शिकायकर्ता के वाहन चालक का वाहन से नियंत्रण छूट गया और गाडी रास्ते के किनारे पलट गयी. इस हादसे में वाहनचालक पवन सैरिसे गंभीर रूप से घायल हो गया. साथ ही वाहन का भी काफी नुकसान हुआ. जिसके बाद डॉ. प्रकाश दाभाडे ने घटना की जानकारी बिमा कंपनी को दी और कंपनी के सर्वेअर ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया. पश्चात डॉ. दाभाडे ने अपने वाहन को दुरूस्ती के लिए भिजवाया. वहीं दूसरी ओर युनिर्वसल सोम्पु जनरल इन्शुरन्स कंपनी ने वाहन चालक पर हादसे के वक्त शराब के नशे में रहने का दावा करते हुए क्लेम देने से इन्कार कर दिया. जिसके खिलाफ डॉ. प्रकाश दाभाडे ने जिला ग्राहक शिकायत निवारण आयोग में शिकायत दर्ज करायी और आयोग ने बिमा कंपनी को नोटीस भेजा. सुनवाई के दौरान भी बिमा कंपनी ने शिकायतकर्ता डॉ. प्रकाश दाभाडे का दावा खारिज करते हुए कहा कि, हादसे के वक्त वाहन में दो लोग मौजूद थे और दोनों ने ही शराब पी रखी थी. ऐसे में शराब पीकर वाहन चलाने की वजह से बिमा पॉलीसी के नियमों का उल्लंघन हुआ है. अत: शिकायतकर्ता को बिमा लाभ नहीं दिया जा सकता. पश्चात शिकायतकर्ता ने कंपनी के दावे के जवाब में वाहन चालक पवन सैरिसे का प्रतिज्ञापत्र दाखिल किया. साथ ही शिकायतकर्ता डॉ. दाभाडे की ओर से एड. डॉ. रविंद्र मराठे ने पैरवी करते हुए युनिर्वसल सोम्पु जनरल इन्शुरन्स कंपनी द्वारा अनुचित व्यापार प्रथा का अवलंब करने की पुख्ता दलीले दी. जिसे ग्राह्य मानते हुए जिला ग्राहक शिकायत निवारण आयोग ने बिमा कंपनी को आदेश दिया कि, शिकायतकर्ता को उनके दावे की राशि सहित उस पर 10 प्रतिशत ब्याज तथा मुकदमे के खर्च एवं शारीरिक व मानसिक तकलीफों का मुआवजा अदा किया जाये.