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घरवाले जमानत लेकर पहुंचे थाने, पुलिस ने दी मौत की खबर

चांदुर रेलवे के रितेश मेश्राम की इर्विन में उपचार दौरान मौत

* परिजनों ने शव लेने से किया इंकार, पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग
* एसपी विशाल आनंद के एक्शन पर निगाहें
अमरावती/ दि. 14 – चांदुर रेलवे के मिलिंद नगर निवासी आरोपी रितेश अशोक मेश्राम (28) की गुरूवार शाम जिला सामान्य अस्पताल के वार्ड नंबर 16 में उपचार दौरान मृत्यु हो जाने से बवाल मचा है. मेश्राम के परिजनों ने पुलिस पिटाई में रितेश की मौत हो जाने का आरोप कर आज दोपहर जिला सामान्य अस्पताल में शव लेने से इंकार किया. पहले दोष्ज्ञी पुलिस वालों पर कार्रवाई की मांग मेश्राम की मां वंदना, बहन, रूपाली एवं भाई शुभम ने की. इनके साथ अन्य रिश्तेदार भी गुस्साए थे. उन्होंने रितेश की पार्थिव पीएम के लिए यवतमाल ले जाने का विरोध कर रखा था. इस बारे में पुलिस अधीक्षक विशाल आनंद क्या कार्रवाई करते हैं. इस पर नजरें टिकी है.
* सोमवार आधी रात को उठाया घर से
वंदना मेश्राम ने आरोप लगाया कि उनके बडे बेटे रितेश को गत सोमवार की आधी रात 12 बजे चांदुर रेलवे पुलिस के राजकुमार जैन और अन्य कर्मचारी पकड वारंट होने का दावा कर घर से उठा ले गये. उस समय पुलिस द्बारा लॉकप में डालने से पहले किए गये मेडिकल में रितेश फिट था. मेश्राम का कहना रहा कि पुलिस ने कुछ वर्ष पुराने दफा 353 के मामले में रितेश को पकड ले जाने की बात कही थी. यह भी बताया कि रितेश ने कुछ समय पहले शराब के नशे में किसी सरकारी कर्मचारी से दुर्व्यवहार करने का उस पर आरोप किया गया था. जबकि वंदना मेश्राम का कहना है कि रितेश किसी के लेने देने में नहीं था. वह नेर में पेट्रोल पंप पर कर्मचारी के रूप में 5-6 वर्षो से काम कर रहा था. रोज आना-जाना करता था.
* मंगलवार को शाम इर्विन में भर्ती
जिला सामान्य अस्पताल की पुलिस चौकी के रजिस्टर के अनुसार चांदुर रेलवे पुलिस रितेश मेश्राम को मंगलवार शाम 7.19 बजे इर्विन अस्पताल लायी. उसे कैदियों वाले वार्ड नं. 16 में भर्ती किया गया. इस बारे में फ्रेजरपुरा पुलिस को नियमानुसार सूचित किया गया था. रितेश की तबियत बिगड जाने के बारे में परिवार वालों को कोई सूचना नहीं देने का आरोप वंदना मेश्राम ने किया.
* जमानत लेकर पहुंची मां, मिली दुखद खबर
रितेश मेश्राम को पुलिस वाले उठाकर ले गये. उसके घरवाले उसकी जमानत की कोशिश कर रहे थे. गुरूवार को रितेश की मां वंदना ने अमरावती आकर जमानत के कागजात जुटाए. वह लेकर पुलिस के पास गई तो उसे बताया गया कि उसके बेटे की मौत हो चुकी है. वंदना का आरोप है कि पुलिस ने मौत से पहले बेटे का चेहरा भी देखने न दिया. मिलने न दिया. बिलखकर वंदना ने पुलिस पर बेटे को मार डालने का इल्जाम लगाया है. रितेश मेश्राम को छोटा भाई शुभम और बहन रूपाली हैं. उसका विवाह हुआ था. किंतु वह पत्नी से अलग रहता था.
* दोषी पर कार्रवाई की मांग
रितेश की मौत कैसे हुई, यह फिलहाल जिला अस्पताल के डॉक्टर्स भी नहीं बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में आ जायेगा. पुलिस हिरासत में आरोपी की मौत होने पर उसका पीएम यवतमाल के मेडिकल कॉलेज में होता है. इसलिए दोपहर तक रितेश मेश्राम की लाश को पुलिसकर्मी यवतमाल ले जाने का प्रबंध कर रहे थे. एसपी ग्रामीण विशाल आनंद से बात करने की कोशिश की गई. उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की. इधर मृतक रितेश के परिजन अस्पताल परिसर में बिलख रहे थे. पुलिस पर बेटे की हत्या का इल्जाम लगा रहे थे.

 

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