अमरावतीमहाराष्ट्र

किसान को बेटी हुई, पौधे अब तक नि:शुल्क मिले ही नहीं

‘सामाजिक वनीकरण’ की 2018 से योजना

* कागजपत्र पर ‘ऑल इज वेल’
अमरावती/दि.12– वनक्षेत्र के अलावा अधिक से अधिक क्षेत्र को वनक्षेत्र में लाने के लिए कन्या वन समृद्धि योजना शुरु की गई है. इस योजना में जो किसान परिवार में बेटी का जन्म होगा, ऐसे किसान दम्पति को 10 पौधे लगाने के लिए दिये जाते है. प्रत्यक्ष में यह योजना ग्रामपंचायत तक नहीं पहुंची है, इस कारण किसानों को इस योजना के नि:शुल्क पौधे भी नहीं मिल रहे है.
भौगोलिक क्षेत्र 33 फीसद वनाच्छादित करने के लिए वनविभाग की तरफ से यह योजना 2018 से चलाई जा रही है. इस योजना में जो किसान परिवार में बेटी का जन्म हुआ, ऐसे परिवार को नि:शुल्क पौधे दिये जा रहे थे. इस योजना में नागरिकों का सक्रिय सहभाग रहने के लिए यह योजना शुरु की गई है. उस दृष्टि से जनजागरण भी शुरु किया गया. प्रत्यक्ष में इस योजना का 2019 से जिले में लाभ न देने की जानकारी सामाजिक वनीकरण विभाग ने दी है.

* समन्वय का अभाव
ग्राम पंचायत और सामाजिक वनीकरण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में यह अभियान चलाया जाता है. प्रत्यक्ष में दोनों विभाग में चाहिए वैसा समन्वय न रहने से योजना ठप हो गई है.

* लाभ कौन ले सकता है?
किसान परिवार में जन्मी बेटी के पालक द्वारा बेटी का जन्म होने के बाद संबंधित ग्रामपंचायत में नाम दर्ज किया जा सकता है. बेटी के जन्म के बाद आने वाले पहले मानसून में यह पौधे वितरीत किये जाते है.

* क्या है कन्या वनसमृद्धि योजना?
– इस योजना में किसान परिवार में जन्मी बेटी का नाम दर्ज करने के बाद संबंधित ग्रामपंचायत में विहित नमूने में आवेदन किया जाता है.
– बेटी के जन्म के बाद पहले मानसून में 1 से 7 जुलाई की अवधि में 10 पौधे लगाने की सहमति दी जाती है.
– पर्यावरण, पौधे लगाना और संगोपन व संवर्धन जैवविविधता बाबत वर्तमान और भावी पीढी में रुची निर्माण करना.
– इस योजना के माध्यम से बेटा और बेटी समान है. महिला सक्षमीकरण और मजबूतीकरण व सामाजिक संदेश दिया जाने वाला है.
– बेटी की कम होती संख्या पर योजना के माध्यम से नियंत्रण पाया जाने वाला है. इस योजना में 10 पौधे नि:शुल्क दिये जाने वाले है.

* योजना का उद्देश्य क्या?
नैसर्गिक दृष्टि से पर्यावरण का असमतोल दूर करने के लिए यह योजना शुरु की गई है. इस योजना से अधिकांश क्षेत्र पर्यावरण अंतर्गत लाने का मुख्य उद्देश्य है. जैवविविधता बाबत नई पीढी का आकर्षण निर्माण हो, यहीं इसके पीछे का उद्देश्य है.

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