अमरावती

किसान संगठन का जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरना २७ को

वन जमीन धारको को बुआई के समय वन विभाग की ओर से अडचन डालने संबंध में

अमरावती/ दि. २१- मेलघाट सहित अन्य तहसील की अनुसूचित जाति जमाती के भूमिहीन लोग राजस्व व वनविभाग की अनउपजाऊ जमीन पर साल-साल में मशागत कर उस पर जीवनावश्यक वस्तुओं की बुआई करके अपने परिवार की आजीविका चलाते है. उन्होंने हर साल की तरह इस साल भी सन २०२२-२३ के खरीफ सीजन में मशागत व बुआई की. इस समय वन विभाग के कुछ कर्मचारियों ने बीच में ही अडचन डालने से चिंचोणा, खिरपाणी, कागद्वारा वन जमीन धारको ने बिगर ७/१२ किसान संगठन के प्रणेता व दलित पंथर के केन्द्रीय कार्याध्यक्ष जगदीशकुमार इंगले ने विभागीय आयुक्त कार्यालय सहित जिलाधिकारी कार्यालय के पास संगठन के मार्गदर्शक तत्वानुसार निवेदन प्रस्तुत किया. निवेदन में कहा गया कि सन २०२२-२३ के खरीफ सीजन में मशागत करके बुआई नहीं की ता अनुसूचित जमाती में से कोरकु, फासेपारधी, गांवपारधी व अनुसूचित जाति में से मातंग, बौध्द अन्य समाज के परिवार पर भूखमरी की नौबत आने की संभावना नकारी नहीं जा सकती. इसलिए सन २०२२-२३ के खरीफ सीजन मेें बुआई के लिए सुविधा मिले तथा ई-पीक पाहणी कार्यक्रम में ७/१२ के नाम पर किसानों का पंजीयन किया जाए. सन २०२२-२३ इस खरीफ सीजन मेें बुआई की गई फसल का पंजीयन करने के लिए पटवारी व वनाधिकारी को संयुक्त रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए जाए. अन्यथा बिगर ७/१२ किसान संगठन की ओर से २७ जून को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरना आंदोलन करने की चेतावनी संगठन के शिवा भारत भोसले, धमेन्द्र भोसले, खाना पवार, तात्या भोसले, अरविंद भोसले, विनायक भोसले, नीलू पवार, छगन पवार, बाबू कास्देकर, आकाराम बेलसरे, बलीराम कास्देकर, नानकराम कास्देकर, गंगाराम कास्देकर, रामलाल खोटे, लाल कास्देकर, सरस्वती कास्देकर, अनिता कास्देकर ने निवेदन में दी है.

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