अमरावती

नागरिको में भाईचारे की भावना का निर्माण होना चाहिए

डॉ. बबिता येवले का प्रतिपादन

अमरावती/ दि. ९-संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ संलग्नित भारतीय महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना व राज्यशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित नागरिको की जिम्मेदारी इस विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम के अध्यक्ष महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आराधना वैद्य, प्रमुख वक्ता डॉ. बबीता येवले व प्रमुख अतिथि के रूप में डॉ. प्रशांत विघे, राज्यशास्त्र विभाग प्रमुख तथा राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ. स्नेहा जोशी, महिला कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना मंच पर उपस्थित थे.
इस अवसर पर प्रशांत विघे ने कहा कि भारतीय संविधान २६ जनवरी १९५० को लागू किया गया. उसके बाद नागरिक के रूप में संविधान की भाग २ धारा ५ से ११ में नागरिकत्व का प्रावधान का समावेश किया गया है. नागरिको के रूप में मिला अधिकार का पालन करने की जिम्मेदारी युवाओं की है. ऐसे मत उन्होने व्यक्त किए.
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षा आराधना वैद्य ने कहा कि विद्यार्थियों ने भारतीय नागरिक के रूप में न्याय, स्वतंत्रता, समता, एकता, भाईचारा, लोकशाही के संवैधानिक मूल्य का पालन करना चाहिए. इसके साथ ही भारतीय संविधान के मुलभूत अधिकारों के साथ कर्तव्य की भी जानकारी नागरिको में निर्माण होना चाहिए. ऐसा प्रतिपादन किया.
इस अवसर पर कार्यक्रम की प्रमुख वक्ता डॉ. बबीता येवले ने कहा कि भारतीय लोकशाही नागरिकत्व जन्म से ही प्राप्त होती है. जिसके कारण देश के सुजाण नागरिक के रूप में प्रत्येक को यातायात के नियम का पालन व प्रत्येक में भाईचारा निर्माण होना चाहिए. घर को साफ रखना, सबसे से सम्मानपूर्वक व्यवहार करना जरूरी है.
इस कार्यक्रम में डॉ. संग्राम रघुवंशी, डॉ. अनिल खांडेकर, डॉ. नितीन तट्टे, डॉ. संगीता देशमुख, डॉ. संगीता कुलकर्णी, डॉ. मीता कांबले व महाविद्यालय के विद्यार्थी शामिल थे. कार्यक्रम का संचालन काजल वैद्य, आभार डॉ. स्नेहा जोशी ने माना.

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