अमरावतीमहाराष्ट्र

आपसी भाईचारे का प्रतीक है ईद उल फित्र का त्यौहार

रमजान महिने में बाजार में बढी रौनक

चांदूर बाजार/दि.8– इस्लाम धर्म के पांच अहंम रूक्र मे से रोजा भी मुस्लिम समुदाय के हर बालिग मर्द और औरत पर फर्ज है. जिसका पालन दुनिया भर के मुसलमान बडी आस्था और श्रध्दा के साथ करते है. इस वर्ष भी तापमान मे बडी वृध्दी और चिलचिलाती धुप में मुस्लीम समुदाय ने अब तक पुरे रोजे रखे. एक माह रोजे रखने के बाद ईद उल फित्र का मुख्य त्यौहार बडे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस वर्ष भी यह त्यौहार विश्वभर में मनाया जायेगा. ईद उल फित्र की विशेष नमाज इस त्यौहार में अदा की जाती है जिसकी विशेषता है कि यह नमाज शहर और बस्ती से बाहर जाकर पढी जाती हैं. मतलब यह नमाज मस्जीदो के अलावा इदगाह में अदा की जाती हैं. नमाज से पूर्व सभी मुसलमान फितरा (अनाज) का वितरण करते है. ईद उल फित्र की नमाज पढने के बाद एक दुसरे को गले मिलकर मुबारक बात देने का सिलसिला जारी रहता हैं. इस पवित्र त्यौहार का मतलब यह होता है कि, एक दुसरे के प्रती गलतीयों को माफ कर एक दुसरे से मिलना चाहिए और आपसी भाईचारे और अखंडता की मिसाल कायम करनी चाहिए.

दिल को लुभाता है शिरखुरमा का जायका
इद उल फित्र के मुख्य त्यौहार में विशेष तौर पर शिरखुरमे का सेवन किया जाता हैं. साथ ही अपने रिश्तेदारो, पडोसीयों सहीत मित्रो के साथ ईद के त्यौहार के बाद कई दिनो तक शिरखुरमा पार्टी का दौर चलता हैं. शिरखुरमे में दुध, घी, काजु, बादाम, किशमीस, चिरौंजी, पिस्ता, खोबरा, अक्रोड, खवा, जैसे ड्रायफुड का इस्तेमाल किया जाता हैं. जो सेहत के लिये काफी फायदेमंद साबित होता हैं.

बाजारों में बढी रौनक
एक महिने से लगातार रोजेदारो के सेवन हेतु विविध प्रकार के खाद्यपदार्थो की दुकाने विगत एक माह से बाजारो मे ंसजी हुयी थी लेकिन अब ईद के लिये बाजारो में रौनक और बढ गयी है. विशेष तौर पर, मिठाई, सेवय्या, मेवे, की दुकाने सजी है. इसके अलावा कपडे, इत्तर, टोपी, जैसे दुकानो पर भी भारी भीड होने लगी हैं.

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