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अंतिम वर्ष की 1 से 26 अक्तूबर तक ऑनलाइन होगी परीक्षा

  •  राज्य के उच्च व तंत्रशिक्षण मंत्री उदय सामंत ने दी पत्रकार वार्ता में जानकारी

  •  15 से 25 अक्तूबर तक प्रैक्टीकल होगा

  •  अमरावती विद्यापीठ अंतर्गत 70 हजार विद्यार्थी देंगे परीक्षा

  •  50 प्रतिशत इंटरनल मार्क देंगे, 7-8 प्रतिशत विद्यार्थियों की ऑफलाइन परीक्षा व्यवस्था

  •  नागपुर की प्रोमार्क कंपनी को दी परीक्षा की जिम्मेदारी

अमरावती/प्रतिनिधि दि.15  – अब तक पदवी पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष व अंतिम सत्र की परीक्षा का मामला जमकर गरमा रहा था. पश्चात सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद फायनल इयर की परीक्षा ऑनलाइन तरीके से लेने का निर्णय लिया गया है. अमरावती विद्यापीठ के माध्यम से परीक्षा लेने की जिम्मेदारी नागपुर की प्रोमार्क नामक कंपनी को सोपी गई है. विद्यापीठ व्दारा करीब 70 हजार विद्यार्थियों की परीक्षा  ली जाएगी. इसके अंतर्गत 15 से 25 अक्तूबर तक प्रैक्टीकल लिये जाएंगे तथा 1 अक्तूबर से 26 अक्तूबर तक फायनल परीक्षा होगी, इसके लिए विद्यार्थियों को 50 प्रतिशत इंटरनल मार्क दिये जाएंगे. 90 से 95 प्रतिशत विद्यार्थियों की ऑनलाइन और 7 से 8 प्रतिशत विद्यार्थियों की ऑफलाइन तरीके से परीक्षा लेने की व्यवस्था की गई है, ऐसी जानकारी राज्य के उच्च व तंत्रशिक्षण मंत्री उदय सामंत ने यहां बुलायी गयी पत्रकार वार्ता के दौरान दी.
स्थानीय संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ में समीक्षा बैठक में हिस्सा लेने हेतु एक दिवसीय दौरे पर अमरावती आये राज्य के उच्च व तंत्रशिक्षण मंत्री उदय सामंत ने यहां पर एक पत्रकार वार्ता को संबोधित किया. इस समय उनके साथ राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा जिला पालकमंत्री एड. यशोमती ठाकुर, पूर्व विधायक प्रा. वीरेंद्र जगताप उपस्थित थे. इस पत्रकार वार्ता में जानकारी देते हुए उच्च शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने अंतिम वर्ष की परीक्षा लेने क लिए फैसला सुनाया है. इसी विषय को लेकर आज अमरावती विद्यापीठ में समीक्षा बैठक लेकर विद्यार्थियों के हित में किस तरह के कदम उठाए जाये, इसकी जानकारी दी गई है. ऑनलाइन तरीके से परीक्षा लेने के लिए अमरावती विद्यापीठ बहुत ठीक है. इसलिए इस विद्यापीठ के माध्यम से करीब 70 हजार विद्यार्थी ऑनलाइन परीक्षा देंगे. कोविड-19 की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए 15 से 25 अक्तूबर के बीच प्रैक्टीकल लिया जाएगा. इसके बाद विद्यापीठ व्दारा चुनी गई एजेंसी के माध्यम से 1 अक्तूबर से 26 अक्तूबर को विद्यार्थियों की ऑनलाइन परीक्षा ली जाएगी. ऑनलाइन परीक्षा 90 से 95 प्रतिशत विद्यार्थी देंगे. किन्हीं कारणों से जो विद्यार्थी ऑनलाइन परीक्षा देेने में असमर्थ है और जिनके पास मोबाइल, लैपटॉप, डेस्कटॉप की व्यवस्था नहीं है, ऐसे विद्यार्थी 25 सितंबर तक विद्यापीठ को सूचित करें, जिससे ऐसे 7 से 8 प्रतिशत विद्यार्थियों के लिए ऑफलाईन परीक्षा देने की व्यवस्था की जाएगी.
उन्होंने बताया कि, इस परीक्षा में विद्यार्थियों को 50 प्रतिशत इंटरनल मार्क दिये जाएंगे. साथ ही परीक्षा के बाद जल्द से जल्द रिजल्ट घोषित करने की तैयारी है. ऑनलाइन परीक्षा के लिए शासन, प्रशासन व विद्यापीठ ने मिलकर अच्छी तेैयारी की है. इस बारे में सबसे पहले मंत्रालय में 6 अप्रैल को पहली बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में ली गई थी. इस काम के लिए डिजास्टर मैनेजमेंट की समिति गठित की गई है, जिसके अध्यक्ष भी स्वयं मुख्यमंत्री है. विद्यार्थियों को मानसिक रुप से तनाव न हो, इसका ध्यान रखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि कोविड की वजह से परीक्षा न ली जाए, ऐसी मांग की जा रही थी. 6 अगस्त को परीक्षा लेने के बारे में भूमिका रखी, इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने दो बार अपने फैसले सुनाए, जिसका मान रखते हुए यह ऑनलाइन परीक्षा लेने का निर्णय लिया है. इस परीक्षा के लिए अब तक चार विद्यापीठ का दौरा कर चुके है.
उपरोक्त जानकारी देते हुए उच्च व तंत्र शिक्षा मंत्री सामंत ने बताया कि कुलगुरु ने परीक्षा के लिए जो फार्मुला तैयार किया है, उससे अवगत होकर विद्यार्थियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए इस परीक्षा का नियोजन किया गया हेै. इसके साथ ही विद्यार्थी, शिक्षक व कर्मचारियों का मनोबल बढाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि विद्यार्थियों के हित को देखते हुए इस मामले में कोई भी राजनीति न करें. विद्यार्थी परिषद द्वारा जिस तरह 30 प्रतिशत फीस माफ करने की मांग की है, मैं परिषद के पदाधिकारियों से मिलने को तैयार हूं. विद्यार्थियों के हित में कदम उठाते हैं, तो मैं उनके साथ हूं. वे चाहे तो वीडियो कांफरन्स के माध्यम से भी बात कर सकते हैं. विद्यार्थियों के हित के लिए सभी संगठन व पार्टियां साथ में आये.
आगे उन्होंने बताया कि परीक्षा के लिए व्यवस्थापन सदस्यों की टीम ने निविदाएं बुलाई थी. विद्यापीठ को 8 कंपनियों के प्रस्ताव आये  थे. उनमें से चार कंपनियों की छटिंग की गई. उसमें से दो और उसके बाद अंत में नागपुर की प्रोमार्क नामक कंपनी का चयन किया गया है. इस कंपनी के माध्यम से यह ऑनलाइन परीक्षा ली जाएगी, इस काम में किसी तरह की त्रृटि न रहने पाये, ऐसे निर्देश भी दिये है. सामंत ने यह भी बताया कि स्पर्धा परीक्षा की पढाई के लिए एक कमीटी गठित की गई है. जिसकी शुरुआत जल्द ही विदर्भ में की जाएगी.

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