अमरावतीमहाराष्ट्र

कल दुबई भेजी जाएगी वायगांव की हल्दी की पहली खेप

अपने स्वाद, रंग और औषधीय गुणों के कारण है लोकप्रिय

* जिलाधिकारी वान्मथी सी. हरी झंडी दिखाएंगी
वर्धा/दि.8-समुद्रपुर तहसील के वायगांव गांव की प्रसिद्ध वायगांव हल्दी अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने जा रही है. भौगोलिक संकेतक (जीआई) क्रमांक 268 के साथ मान्यता प्राप्त इस हल्दी का पहली बार दुबई में निर्यात किया जा रहा है. वायगांव हल्दी शेतकरी उत्पादक कंपनी लिमिटेड और सरकार के सहयोग से यह संभव हो पाया है. सन् 2016 में वायगांव हल्दी को जीआई टैग मिला था. यह टैग केवल उन्हीं उत्पादों को दिया जाता है जो अपने क्षेत्र विशेष की मिट्टी, जलवायु और पारंपरिक पद्धतियों से विशेष गुण प्राप्त करते हैं. वायगांव की हल्दी अपने गुणों के कारण देश-विदेश में लोकप्रिय होती जा रही है. समुद्रपुर तहसील के 160.40 हेक्टेयर क्षेत्र में हल्दी की खेती की जाती है, जिसमें सिंचित और वर्षा आधारित दोनों प्रकार की भूमि शामिल है. यहां का वार्षिक हल्दी उत्पादन लगभग 561.40 मीट्रिक टन है. क्षेत्र की अनुकूल जलवायु और मिट्टी के कारण यहां उगने वाली हल्दी में विशिष्ट औषधीय गुण पाए जाते हैं.
* वायगांव हल्दी की प्रमुख विशेषताएं
यहां की हल्दी का रंग गहरा पीला और केसरिया होता है. सामान्य से अधिक कुरकुमिन मात्रा (6 फीसदी से अधिक) होती है. तीव्र स्वाद, अत्यंत सुगंधित तथा तेल की मात्रा अधिक होती है. इस हल्दी का पाउडर अत्यंत बारीक और मुलायम होता है. सर्दी-खांसी और घाव भरने में लाभकारी होती है.
* दुबई होगी पहली खेप रवाना
15 मीट्रिक टन कच्ची वायगांव हल्दी की पहली खेप का वर्धा से 9 मई 2025 को जिलाधिकारी वान्मथी सी. के हाथों हरी झंडी दिखाकर निर्यात किया जाएगा. इसमें एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एजेंसी (आत्मा) और एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीईडीए) का सहयोग मिला है.
* उत्पादक किसानों का सराहनीय योगदान
वायगांव हल्दी के उत्पादन और वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में कृषि उन्नति शेतकरी उत्पादक कंपनी लिमिटेड, वायगांव (ह), विदर्भ नैसर्गिक शेतमाल किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड, खैरगांव और वायगांव हल्दी शेतकरी उत्पादक कंपनी लिमिटेड, मिस्ड का महत्वपूर्ण योगदान रहा है.

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