अप्पर वर्धा कॉलोनी में साकारा जाएगा पहला मत्स्यविज्ञान महाविद्यालय

अमरावती /दि.22– 6 माह पूर्व मोर्शी तहसील के पार्डी में प्रस्तावित जिले का पहला मत्स्यविज्ञान महाविद्यालय अब मोर्शी शहर की अप्पर वर्धा बांध प्रकल्प कॉलोनी में साकारा जाएगा. जिसके लिए कुल 202 करोड 54 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है. मोर्शी तहसील के अप्पर वर्धा प्रकल्प में बडे प्रमाण में मछलियों का उत्पादन लिया जाता है. इसी पार्श्वभूमि पर पहला मस्त्यविज्ञान महाविद्यालय के लिए पार्डी की बजाए अप्पर वर्धा कॉलोनी व सिंभोरा स्थित जमीन का चयन किया गया है.
मत्स्यविज्ञान महाविद्यालय के लिए उर्ध्व वर्धा प्रकल्प की कॉलोनी में सर्वे नं. 213/4 के 0.61 आर व सर्वे नं. 214/01 की 3.47 हेक्टर आर ऐसे कुल 4.08 हेक्टर आर जमीन और विद्यार्थियों के प्रात्याक्षिक के लिए राष्ट्रीय मस्त्यबीज केंद्र सिंभोरा, तह. मोर्शी की 33 हेक्टर जमीन महाराष्ट्र पशु व मत्स्यविज्ञान विद्यापीठ नागपुर में निशुल्क हस्तांतरित किए जाने के लिए मान्यता दी है. महाराष्ट्र पशु व मत्स्यविज्ञान विद्यापीठ नागपुर अंतर्गत यह नया मत्स्यविज्ञान महाविद्यालय साल 2025-26 शैक्षणिक सत्र से शुरु होगा.
* 202 करोड रुपए का प्रावधान, 54 पद भी भरे जाएंगे
मत्स्यविज्ञान महाविद्यालय के लिए 202 करोड 54 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है तथा मत्स्यविज्ञान महाविद्यालय में शिक्षक संवर्ग के 39 और शिक्षकेत्तर संवर्ग के 15 इस प्रकार से 54 पदों की भर्ती की जाएंगी. जिसे कृषि, पशुसंवर्धन, दुग्ध व्यवसाय व मत्स्य व्यवसाय विभाग ने 21 मार्च को मंजूरी दी है. वहीं मत्स्यविज्ञान महाविद्यालय के लिए आगे के 5 वर्ष के लिए मनुष्यबल के लिए 29.48 करोड व कार्यालयीन खर्च के लिए 2 करोड रुपए के खर्च को को भी शासन द्वारा मान्यता दे दी गई है.
* 171 करोड निर्माण कार्य और फर्निचर के लिए
महाविद्यालय के निर्माण कार्य व फर्निचर के लिए 171 करोड रुपए का प्रावधान किया जाएंगा. जिसमें 165.81 करोड रुपए उपकरण खरीदी के लिए, 4.75 करोड रुपए वाहन खरीदी के लिए ऐसे कुल 171.06 करोड रुपए मंजूर किए गए है.
* कोरोना की वजह से रुका था काम
8 मार्च 2019 को नए मत्स्यविज्ञान महाविद्यालय की स्थापना का निर्णय लिया गया था, किंतु राज्य में कोरोना महामारी के चलते काम रुक गया था. उसके बाद महाविद्यालय की जगह बदलकर महाविद्यालय के निर्माण को मंजूरी दे दी गई.