मराठी भाषा विद्यापीठ की इमारत का पहला चरण पूर्ण
भूसंपादन का मामला निपटा, 17 किसानों ने जमीन देने को लेकर दर्शायी सहमति

* किसानों को बाजारभाव से मिलेगा मुआवजा, 54 एकड जमीन की ड्रोन मैपिंग नामजोख भी हुई पूरी
अमरावती /दि.20– महानुभाव पंथिय की काशी के तौर पर पहचान रखनेवाले मोर्शी तहसील के रिद्धपुर में साकार होने जा रहे मराठी भाषा विद्यापीठ के लिए 54 एकड जमीन उपलब्ध कराई जा रही है और इस जमीन की ड्रोन मैपिंग व नापजोख की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. मोर्शी तहसील के एसडीओ व भूमि अभिलेख विभाग के अधिकारियों द्वारा यह प्रक्रिया पूर्ण की गई है. विद्यापीठ के लिए अधिग्रहित की जानेवाली यह पूरी जमीन निजी है. जिसे 17 किसानों द्वारा प्रदान किया गया है. इन किसानों से राज्य सरकार के प्रचलित धोरणानुसार सीधी खरीदी पद्धति के जरिए जमीन खरीदी जाएगी. जिसके लिए संबंधितों को बाजार भाव अथवा उससे अधिक रकम मिलेगी. जिससे किसी का कोई नुकसान नहीं होगा.
विशेष उल्लेखनीय है कि, खुद राजस्व मंत्री का इस संदर्भ में आदेश रहने के चलते सभी 17 किसानों ने अपनी जमीन देने के लिए सहमति दर्शायी है. जिसके बाद गत रोज सुबह 10 से दोपहर 2 बजे के दौरान जमीन की नापजोख की गई. रिद्धपुर एवं सायदापुर परिसर स्थित इन खेतों का सैटेलाइट पद्धति से नापजोख किया गया. इस समय कुलगुरु डॉ. अविनाश आवलगांवकर, विद्यापीठ के प्रशासकीय अधिकारी राम राठोड, कर्मचारी अतुल पडोले, नजूल अधिकारी धाबरडे व दांडगे, श्री गोविंदप्रभु तीर्थस्थान सेवा समिति के अध्यक्ष महंत कारंजकर बाबा, सचिव महंत वाईंदेशकर बाबा तथा संबंधित किसान उपस्थित थे.
* विद्यापीठ फिलहाल ‘थीम पार्क’ में चलेगा
रिद्धपुर में स्थापित किया जा रहा मराठी भाषा विद्यापीठ यह देश में मराठी भाषा का पहला विद्यापीठ है. रिद्धपुर में मराठी के आद्य ग्रंथ ‘लिलाचरित्र’ की रचना हुई थी. जिसके चलते इस विद्यापीठ हेतु रिद्धपुर का चयन किया गया. राज्य सरकार द्वारा की गई घोषणा के अनुसार आगामी शैक्षणिक सत्र से इस विद्यापीठ का प्रारंभ होगा और फिलहाल इस विद्यापीठ का अस्तित्व रिद्धपुर स्थित थीम पार्क नामक इमारत में रहेगा.