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आज होगी पहली तरावीह

कल से रखा जाएगा रमजान का पहला रोजा

अमरावती/दि.11– मुस्लिम समाज को जिस महिने का सबसे ज्यादा इंतजार रहता है, वह है रमजान, रमजान महिने के लिए मुस्लिम समाज के युवाओं सहित बच्चे भी बडी आतुरता के साथ इंतजार करते है. इस पाक रमजान महिने की शुरुआत आज शाम सोमवार को चंद्र दर्शन के बाद से शुरू हो जाएगी. वही मंगलवार 12 मार्च को पहला रोजा रखा जाएगा. रमजान महिने का चांद दिखने के बाद सोमवार की रात से तरावीह की नमाजे शहर की मस्जिदों में अदा की जाएगी. जिसके चलते शहर की सभी मस्जिदों में नमाजियों के लिए उचित इंतजाम के लिए साफ-सफाई, प्रकाश, पंखे- कुलर व वजू बनाने के लिए पानी की सुविधा के लिए सप्ताह भर से तैयारियां प्रारंभ है. वही रमजान की तरावीह के लिए मस्जिदों मे जोरदार तैयारियां देखी जा सकती है.

इस बार मार्च व अप्रेल में जोरदार गरमी के बीच रमजान महिना आने वाला है. इस महिने में मुस्लिम समाज के बच्चे, युवा, बुजुर्ग भी बढ चढ कर रोजा रख कर अल्लाह की इबादत करते है. फिर चाहे कितनी भी गरमी पडे. इबादत करने वाले अपनी इबादत जारी रखते है. आज सोमवार को चांद दिखने के बाद सभी मस्जिदो में तरावीह की नमाज विशेष तौर पर आमंत्रित हाफिज-ए-कुरआन व्दारा पढाई जाएगी. रमजान महिना उर्दू कैलेंडर का 9वां महिना है. इस पवित्र महिने की शुरूआत चांद देखने के बाद की जाती है. पुरे 1 महिने तक मुस्लिम समाज बंधुओं व्दारा रोजा, इबादत, नमाज पर खास तौर पर ध्यान दिया जाता है. पुरे 1 महिने के रोजे के बाद ईद का चांद देखने के पश्चात ईद मनाई जाती है. इस ईद के पूर्व गरीबों, जरुरतमंदो को जकात, खैरात तथा अनाज की शक्ल में फितरा बांटा जाता है.

इसीलिए इसे ईद-उल-फित्र कहा जाता है. इस बार यह ईद 11 अप्रेल को मनाई जा सकती है..! रमजान महिने में रखे जाने वाले रोजे को किसी भी हाल में तोडा नहीं जाता है. चाहे कितनी ही गरमी हो या प्यास लगे. मुस्लिम बंधुओं व्दारा दिन भर के कठिन रोजे रख कर दिन भर मस्जिदों में इबादत करते है, कुरआन का पठन करते है. वही रात के समय ईशा की नमाज के पश्चात हाफिज-ए-कुरआन व्दारा कुरआन का पठन किया जाता है. जिसे तरावीह की नमाज कहते है.

आज बोहरा समाज का पहला रोजा
मिश्री कैलेन्डर के अनुसार दाऊदी बोहरा समाज व्दारा रविवार को अपना पहला रोजा रखा गया. इस अवसर पर स्थानीय बर्तन बाजार स्थित दाऊदी बोहरा मस्जिद में विशेष नमाज व रोजा इफ्तारी के साथ इबादत की व्यवस्था रखी गई. इस बीच दाऊदी बोहरा समाज के बच्चों-बुजुर्गो व अन्य लोगों में काफी उत्साह नजर आया.

गरीबों की मदद व सेवा सच्ची इबादत
रमजान महिने का सही अर्थ है कि सारी बुरी आदत छोड कर अपने अल्लाह की राह पर चलों. हर एक सच्चे मुसलमान को चाहिए की वह नशा, जुआं, रिश्वत खोरी छोड कर कर अल्लाह की इबादत करे. इस महिने का एक अर्थ यह भी है कि इस महिने में सबसे ज्यादा जरुरतमंद, गरीब, विधवा महिला, अपाहिज सहित अपने आसपास के इलाकों की मस्जिदों में अपनी हैसियत के अनुसार मदद करनी चाहिए. इस महिने में जिन जरुरतमंदो को आप मदद पहुंचाएगे. अल्लाह आप से उतना खुश होगा और सही मायनों में यही आपकी सच्ची इबादत होगी.
मौलाना वारिस रजा अशहरी, इमाम व खतीब मस्जिद ताजुल औलिया फातेमा नगर

इस रोजे की बराबरी कोई नहीं कर सकता
अगर आप जिंदगी भर भी रोजा रखे तो रमजान के रोजे की बराबरी कोई रोजा नहीं कर सकता है. रमजान के रोजो का बहुत अधिक महत्व है.
गुड्डु हमीद,

 

गरीबो व जरुरतमंदो की करे मदद
रमजान महिने में सभी इबादत व रोजा, नमाज के साथ ही गरीब व जरुरतमंदो की मदद करें. यही आपकी सही इबादत कहलाएगी.
अब्दुल हमीद

 

युवा लेते है बढ चढ कर हिस्सा
रमजान महिने का इंतजार सभी को बहुत ही बेसब्री से रहता है. इस महिने युवा काफी बढ चढ कर नमाज व रोजे में सहभागी होते है. यही नहीं तो 26 वें रोजे का इंतजार अन्य समाज बंधु भी करते है. वे भी रमजान का महत्वपूर्ण रोजा रखे है.
अरबाज खान पठान

 

धूप गरमी नही रखती मायने
रमजान का रोजा किसी भी महिने में आए, मगर रोजेदार अपना रोजा पुरा करता है. चाहे कितनी भी धूप-गरमी हो या ठंडी रोजादार अपनी इबादत के जरिए अल्लाह को राजी करने का प्रयास करता है.
इमरान खान,

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