अमरावतीमहाराष्ट्र

श्रद्धा और विश्वास पर टिकी है आध्यात्मिकता की नींव

संत डॉ.संतोष देव महाराज का विवेचन

अमरावती/दि.27-सिंधु नगर स्थित पूज्य शिवधारा आश्रम में चल रहा शिवधारा झूलेलाल चाहिए का आज 12 दिन के सत्संग में परम पूज्य संत श्री डॉ संतोष देव जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा, कि आध्यात्मिकता की नींव श्रद्धा और विश्वास पर टिकी हुई है. जितनी जिनकी श्रद्धा कमजोर होगी, विश्वास कच्चा होगा उतना वह आध्यात्मिक जगत से लाभ नहीं उठा पाएगा. जब भगवान शिव से मां पार्वती ने पूछा कि आध्यात्मिकता का ओर और छोर क्या है? तब भगवान शिव ने कहा था की आध्यात्मिकता का ओर और छोड़ विश्वास है. जैसे हम लोग अक्सर व्यवहार में कहते हैं मानो तो गंगा मैया नहीं तो बहता पानी. उदाहरण देते हुए महाराज श्री ने एक शिव पार्वती के संवाद की कथा बताई.
कई लोग गुरु तो करते हैं, गुरु मंत्र दीक्षा लेते हैं, गुरु वचन सुनते हैं, गुरु आश्रम में जाते हैं, पर उनका विश्वास कमजोर होता है इसलिए वह अधिक लाभ प्राप्त नहीं कर पाते. 1008 सतगुरु स्वामी शिवभजन जी महाराज कहा करते थे आश्चर्यचक तो उन पर आता है, जिन्होंने बहुत कुछ प्राप्त किया है फिर भी उनका विश्वास डगमगाता रहता है.
सत्संग दौरान विधायक रवि राणा, नानकराम नेभनानी, एड. प्रशांत देशपांडे विशेष रूप में उपस्थित थे. इन मान्यवरों से विशेष रूप में पूजा कराई गई एवं शिवधारा परिवार ने उनका संस्था द्वारा स्वागत सत्कार किया और महाराज श्री ने उनको आशीर्वाद प्रदान किया. पूर्व नगरसेवक बलदेव बजाज, संस्था के सचिव सुरेंद्र खत्री, अर्जुन चांदवानी, कैलाश पुंशी, अनूप नवलानी, डॉ एस के पुंशी, राजू रतनानी, मोहनलाल मंधान, अमरलाल बख्तियार,शिवकुमार मोहनानी आदि कई भक्तगण विशेष रूप में उपस्थित थे.
* रविवार के दिन तांबे के लोटे में जल के साथ काले तिल सूर्य नारायण पर चढ़ाने से और अर्घ्य देने से शरीर के रोग भी कम होते हैं और पितृ भी तृप्त होते हैं.

 

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