अमरावतीमहाराष्ट्रमुख्य समाचार

‘उन’ 5611 लोगों का भविष्य अधर में

जन्म प्रमाणपत्र खारिज हो जाने से नहीं मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ

* स्कूल में प्रवेश, पैन कार्ड व पासपोर्ट मिलने में भी होगी दिक्कतें
* फिलहाल प्रशासन के पास राहत देने का कोई उपाय नहीं
अमरावती/दि.19 – जिले के 4 तहसील कार्यालयों के नायब तहसीलदारों के जरिए जारी 5611 विलंबित जन्म प्रमाणपत्रों को खारिज करने का निर्णय राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिला प्रशासन द्वारा लिया गया है, जिसके चलते अमरावती, अचलपुर, नांदगांव खंडेश्वर व चिखलदरा तहसील से वास्ता रखनेवाले 5611 नागरिकों के विलंबित जन्म प्रमाणपत्र खारिज हो गए है. ऐसे में जिस उद्देश्य के लिए संबंधितों द्वारा तहसील कार्यालय के बीसियों चक्कर काटकर अपने जन्म प्रमाणपत्र बनाए गए थे. वे उद्देश्य धरे के धरे रह गए है. साथ ही अब संबंधितों का भविष्य भी अधर में लटक जाने का खतरा पैदा हो गया है.
बता दें कि, इस समय मार्च महिना चल रहा है. इस दौरान कई लोग अपने आयकर संबंधित कामों के लिए पैन कार्ड बनवाते है. जिसके लिए जन्म प्रमाणपत्र और आधार कार्ड की भी जरुरत पडती है. इसी तरह आगामी अप्रैल-मई माह से सभी शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश प्रक्रिया का दौर शुरु होगा. जिसके लिए भी अन्य दस्तावेजों के साथ जन्म प्रमाणपत्र की जरुरत पडती है. इस बात को ध्यान में रखते हुए कई लोगों ने विगत जनवरी माह के आसपास तक अपने विलंबित जन्म प्रमाणपत्र बनवाए थे. वहीं गत वर्ष के जुलाई माह से राज्य सरकार द्वारा शुरु की गई लाडली बहन योजना का लाभ हासिल करने के लिए भी कई महिलाओं ने अपने निवास क्षेत्र से संबंधित तहसील कार्यालयों से विलंबित जन्म प्रमाणपत्र हासिल किए थे. उस समय किसी भी आम व्यक्ति को इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि, उन्हें केवल तहसीलदार के हस्ताक्षर व मुहर वाला जन्म प्रमाणपत्र ही लेना है. जिसके चलते आम नागरिकों ने नायब तहसीलदार के हस्ताक्षर व मुहर से जारी जन्म प्रमाणपत्र भी स्वीकार कर लिए और अब ऐसा करना ही आम नागरिकों के लिए भारी पड रहा है. क्योंकि, नायब तहसीलदारों द्वारा जारी जन्म प्रमाणपत्रों को सीधे तौर पर खारिज कर दिया गया है. ऐसे में जिन उद्देश्यों व कामों के लिए संबंधित नागरिकों द्वारा विलंबित जन्म प्रमाणपत्र हासिल किए गए थे, वे सभी उद्देश्य व काम अपनी ही जगह पर धरे के धरे पडे रह गए. साथ ही अब उन्हें दुबारा नए सिरे से संबंधित तहसील कार्यालयों के चक्कर काटने पडेंगे तथा तहसीलदारों के सामने अपना आवेदन व दस्तावेज वैध रहने का दावा करते हुए नए सिरे से विलंबित जन्म प्रमाणपत्र हासिल करने होंगे. तब तक उन्हें मिलनेवाली सरकारी योजनाओं का लाभ बंद रहेगा. साथ ही साथ वे अपने जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर अन्य कोई दूसरा प्रमाणपत्र या दस्तावेज भी नहीं बनवा सकेंगे.

Back to top button