अमरावतीमहाराष्ट्र

सरकार ने स्मार्ट मीटर लगाने की फिर से शुरु कर दी तैयारी

बिजली कामगार संगठनों का विरोध

* स्मार्ट मीटर लगाने से इनकार
अमरावती/दि.3-राज्य में एक बार फिर स्मार्ट बिजली मीटर की चर्चा शुरू हो गई है.महावितरण की ओर से उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी, इसके विरोध में महाराष्ट्र बिजली ग्राहक संगठन ने स्मार्ट मीटर अमान्यकरण नमूना आवेदन जारी किया है. संगठन ने उपभोक्ताओं से स्मार्ट मीटर का विरोध करते हुए संबंधित आवेदन पत्र भरने की भी अपील की है.
राज्य के उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जायेगा. इस संबंध में घोषणा वर्तमान मुख्यमंत्री और तत्कालीन ऊर्जा मंत्री देवेंद्र फडनवीस ने 3 जुलाई 2024 को की थी. लेकिन, सरकार ने इस वादे को धता बताते हुए स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी फिर से शुरू कर दी है. जिन उपभोक्ताओं के बिजली मीटर खराब हैं, उनके डिजिटल मीटर लगाये जायेंगे. महावितरण का कहना है कि जिले में 76 हजार 704 ग्राहकों के मीटर खराब हैं. इसलिए महावितरण ने प्राथमिकता के आधार पर खराब मीटरों को बदलकर डिजिटल मीटर लगाने का अभियान शुरू किया है. हालांकि, कुछ संगठनों का कहना है कि इस डिजिटल मीटर के जरिए ही ग्राहकों को स्मार्ट प्रीपेड मीटर दिया जाएगा. तो अब लगता है कि इसका विरोध शुरू हो गया है.

* 23 को नागपुर में बैठक
इस स्मार्ट मीटर के विरोध में नेशनल को-ऑर्डिनेशन कमेटी एम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स की ओर से 23 फरवरी को नागपुर में एक राष्ट्रीय बैठक भी आयोजित की गई है. इसमें बडी संख्या में लोगों को शामिल होने के लिए आवाहन किया गया है.

* स्मार्ट मीटर न लगाने की अपील
एमएसई वर्क्स फेडरेशन ने अपील की है कि कोई भी कर्मचारी स्मार्ट मीटर न बदले. संगठन ने अपने सदस्यों से यह भी अपील की है कि यदि प्रशासन उन्हें खराब मीटर बदलने के लिए मजबूर कर रहा है तो वे संगठन के प्रतिनिधियों से संपर्क करें.

* फॉल्टी के स्थान पर लगाए जानेवाले मीटर डिजिटल
बताया जाता है कि 76 हजार 704 उपभोक्ताओं के मीटर फॉल्टी है. महावितरण का कहना है कि खराब मीटरों की जगह लगाए जाने वाले नए मीटर केवल डिजिटल हैं और इनमें प्रीपेड या पोस्टपेड भुगतान का कोई प्रावधान नहीं है. डिजिटल मीटर का मोबाइल ऐप जल्द ही उपलब्ध होगा.

शिकायत दर्ज करने का आह्वान
फॉल्टी मीटर को बदलने की जिम्मेदारी संबंधित कंपनी की है. चूंकि उनके पास मानव संसाधन कम है, इसलिए वे अपना काम प्रशासन के माध्यम से कर्मचारियों को सौंप रहे हैं. इसलिए, यदि प्रशासन उन्हें मीटर बदलने के लिए मजबूर कर रहा है, तो सदस्यों से एसोसिएशन के पास शिकायत दर्ज करने का आह्वान किया गया है.
– अमोल काकडे, सर्कल सचिव,
एमएसई वर्क्स फेडरेशन अमरावती

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