अमरावतीमहाराष्ट्र

सरकार का सोयाबीन कीमतों पर ध्यान नहीं

किसान और व्यापारियों का नुकसान

* सोयाबीन डिओसी के भाव में बढ़ोतरी से किसानों राहत मिल सकती है
चांदूर रेल्वे/दि.17-चांदूर रेलवे कृषि उत्पन्न बाजार समिति के पूर्व संचालक, व्यापारी, तहसील माहेश्वरी संगठन के अध्यक्ष किशोर गंगन बताया कि, बीतें 2 वर्ष से सरकार का सोयाबीन कीमतों पर ध्यान नहीं रहने से किसान और व्यापारीयों का नुकसान हो रहा है. फसल बुआई की लागत और उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी न होंने के साथ सोयाबीन बाजार भाव की मंदी के चलतें किसान हताश-निराश हो गया है. सरकार ने सोयाबीन के भाव निर्धारित कर खरेदी सुरू कर दी पर पिछले 5 वर्ष में डिओसी भाव में बढ़ोत्तरी न होंने से खुले बाजार में सोयाबीन भाव नहीं बढ़ रहें हैं. जबकि सरकार कच्चे तेल के ऊपर 35 प्रतिशत आयात ड्यूटी बढ़ने की वजह से सोयाबीन तेल की कीमतें में उछाल आ गया जिसका सीधा असर देश की गरीब जनता पर पड़ रहा है. आम जनता और किसानों की माने तो सोयाबीन तेल में तेजी आती तो सोयाबीन में तेजी आना चाहिए पर जब तक डिओसी में तेजी नहीं आती तब तक सोयाबीन में तेजी नहीं आती. पिछले कुछ वर्षों से डिओसी के भाव में तेजी नहीं आयीं. केन्द्र सरकार डिओसी भाव में तेजी लाने सफल होते तो किसानों का सोयाबीन 5 से 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल भाव से बिक्री हो सकता क्योंकि की सोयाबीन से 80 प्रतिशत डिओसी निकलती इसलिए सरकार ने किसानों को राहत देने डिओसी के भाव पर ध्यान देना चाहिए. जिससे व्यापारी और किसान मंदी के चपेट से बाहर आ कर खुलें बाजार में सोयाबीन अच्छे दामों में बेच सके और सरकार को एम एस पी भाव में सोयाबीन खरेदी करनें की जरूरत नहीं पड़ेगी. ना तेल पर ड्यूटी बढ़ाना पड़ेगा. इससे सोयाबीन तेल में भी तेजी नहीं आयेंगी. जिससे किसान, व्यापारी, आम जनता भी खुश दिखाई देंगी. सरकार सोयाबीन के डिओसी पर ध्यान केंद्रित करें, ऐसी प्रतिक्रिया किशोर गंगन ने व्यक्त की.

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