सरकार के पास स्कूलों का 65 करोड बकाया
कई बार पत्राचार करने पर नहीं मिल रहा आरटीई शुल्क
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* सात साल से प्रतिपूर्ति शुल्क नहीं
अमरावती/दि.27-शिक्षा अधिकार कानून अंतर्गत नि:शुल्क प्रवेश प्रक्रिया शुरु रहने पर दूसरी ओर 225 स्कूल के छात्रों का 65 करोड 52 लाख 40 हजार 417 रुपए का शुल्क सरकार के पास बकाया है. बार-बार पत्राचार करने पर भी यह रकम नहीं मिलने से शिक्षा संस्था दिक्कत में आ गई है. यह बकाया राशि दी जाए, यह मांग स्कूलों द्वारा की जा रही है.
शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र की निजी स्कूलों में आरटीई अंतर्गत आरक्षित 25 प्रतिशत छात्रों का शुल्क सरकार की तरफ से दिया जाता है. वर्ष 2018-19 से बकाया रकम बढ रही है. सात वर्षों में 225 स्कूलों की बकाया रकम 65 करोड 52 लाख 40 हजार 417 रुपए तक पहुंची है.
साल निहाय लंबित शुल्क
साल रकम
2018-19 31,21,802
2019-20 90,99,554
2020-21 96,00,000
2021-22 11,16,24000
2022-23 88,88,880
2023-24 11,67,28,181
2024-25 14,78,49,000
जायजा लिया गया है
आरटीई अंतर्गत 25 प्रतिशत प्रतिपूर्ति की रकम संबंध में शिक्षा विभाग द्वारा जायजा लिया गया है. सरकार की ओर से प्रतिपूर्ति की रकम संबंधित स्कूलों को नियम के अनुसार वितरित की जाएगी.
-अरविंद मेहरे, शिक्षाधिकारी,
प्राथमिक
* सरकार ध्यान केंद्रीत करें
एक लाख से अधिक छात्रों की शिक्षा का यह शुल्क है. सरकार की ओर से शुल्क प्रतिपूर्ति समय पर नहीं मिलने से शिक्षा संस्थानों में इसको लेकर तीव्र नाराजगी व्यक्त की जा रही है. विगत सात साल से सरकार ने करोडोें रुपए की बकाया रकम नहीं दी. कई बार पत्राचार करने के बाद भी इस संदर्भ में ध्यान केंद्रीत नहीं किया जा रहा है. सरकार ने इस विषय को गंभीरता से लेकर बकाया प्रतिपूर्ति की रकम संबंधित स्कूलों को देने की मांग मेस्टा के राज्य संगठक अनिल आसलकर ने की है.