अमरावती

सरकार कलाकारों की कदर कर दे न्याय- राजा हातगाडे

साहित्यिक कलावंत परिषद ( म . रा.) की हुई बैठक

अमरावती/दि.9– लोगों के मनोरंजन के साथ ही समाज प्रबोधन का कार्य करते हुए अपनी कला को निखारने का कार्य ग्रामीण व शहर के अनेक कलाकारों का एक बडा वर्ग आज सरकार के विविध कल्याणकारी योजना से वंचित है. सामाज में अपेक्षित कलाकारर जिंदगी जीने के लिए अनेक परेशानियों का सामना करता है साथ ही भूखमरी का शिकार भी होना पडता है. ऐसे उदर निर्वाह करने वाले कलाकार जिंदा रहने के लिए सरकार के व्दार पर अनेक वर्षो से चक्कर काट रहा है. सरकार ने कलाकारों के अनेक वर्षो से प्रलंबित मानधन बढोत्तरी का मुद्दा जल्द हल कर न्याय देना चाहिए. ऐसा प्रतिपादन सैकडो कलाकारों के समक्ष वरिष्ठ कलाकार राजाभाऊ हातगाडे ने अपने अध्यक्षीय भाषण में किया. वे मालटेकडी स्थित विश्राम भवन में आयोजित कलाकारों की बैठक में बोल रहे थे.

विगत दिनों विश्रामगृह में शहर के सैकडों वरिष्ठ कलाकारों की बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक की अध्यक्ष वरिष्ठ कलाकार राजाभाऊ हातगाडे ने की. कार्यक्रम का उद्धघाटन जिप के पूर्व बांधकाम सभापती जयंतराव देशमुख ने की. कार्यक्रम में प्रमुख मार्गदर्शक के रुप में सामाजिक कार्यकर्ता देवांनद वानखडे, प्रा.बबन इंगोले, सुधाकर खडसे, प्रभाकर वालसे, शाहीर अर्जुन हिरखन, महासचिव माणिक गाडेकर, पारस खिराडे आदि मंचासीन थे. बैठक के दौरान राज्य के कलाकारों के कई विषयों को सामने रखा गया. साथ ही जल्द ही राज्य स्तरीय परिषद का आयोजन करने का निर्णय भी लिया गया. कई कलाकारों ने बैठक में अपने मत प्रस्तुत किए. इस समय गौतम वासनिक, कुमुद ढोले, शेरसिंग बावरी, शशिकला घाटोल, वंदना लाडगे, माया कडू, नंदा सुखे, ह. भ. प.गणेश खंडार, एकनाथ अरबट, संजय पाटील, देविदास महलले, प्रमोद काकड, अनिल नरकाडे, सुनील ठाकरे, संध्याताई गणवीर, बेबी शिंगाडे, एकनाथ घुगरे, अशोक सवई, शेख इबाहीम, सुधाकर राऊत, अशोक तायडे, आदि सहित सैकडो कलाकार उपस्थित थे. कार्यक्रम का प्रास्ताविक माणिक गाडेकर व संचालन बबलू तायडे ने किया. आभार सिद्धार्थ दामोधरे ने माना. कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु प्रदीपराव बांबल, चिंतामण काटकर, धर्मपाल डोंगरे, सुभाष औंधकर, लीलाबाई चव्हाले, मंदा गुल्हाने, शांता चोधरी, शोभा खंडारकर, पुष्पा सूर्यवांशी, उषा भाकरे, शोभा वार्‍हेकर, रूपराव खंडालकर ,नारायण पलघान, बालु वानखडे, भास्कर वाटकर, दिलीप हाडे, दिनेश हाडे, किशोर सदार, नरेंद सपाटे ,सुभाष राव सूने, गजानन वारुळकर, रामदास नवलकार, बाबुलाल वालोदे, देवराव शेंडे, सुखदेव साखरे, जनार्दन मेश्राम, कांता निकम, धनराज इंगले, जन जागृत बाबु, अंबादास रंगारी, शकर नवाडे, हिरामण बोरकर, राजेन्दब धुलेकर, बालासाहेब मिसल, सुनील ठाकरे, निशिकांत मेश्राम आदि ने अथक प्रयास किया.

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