अमरावतीमहाराष्ट्र

अतिक्रमित गायरान जमीन को शासन नियमाकुल करें

हाईकोर्ट के दिए निर्देश के मुताबिक तत्काल सुनवाई शुरु की जाए

* अनेक भूमिहीन किसानों ने जिलाधीश को ज्ञापन सौंपकर दिया अल्टीमेटम
* पत्रकार परिषद में एड. धनंजय तोटे ने दी जानकारी
अमरावती/दि.27– जिले के 14 में से 12 तहसीलो के ग्राम पंचायत क्षेत्र में गायरान, ई-क्लास व एफ-क्लास की जमीन पर पिछले 40 साल से अधिक समय से अतिक्रमण कर खेती करनेवाले किसानों की जमीन नियमाकुल करने के लिए वर्ष 2013 में दायर याचिका पर उच्च न्यायालय के पारित निर्देश पर अमल करने की मांग शासन से की गई है. इस संबंध में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर 30 दिन के भीतर ऐसे प्रकरणों की सुनवाई तत्काल शुरु कर उसका निपटारा करने की मांग आज यहां आयोजित पत्रकार परिषद में एड. धनंजय तोटे ने संबंधित किसानों की मौजूदगी में की.
पत्रकार परिषद में एड. धनंजय तोटे के साथ नांदगांव तहसील के धानोरा फसी निवासी संजय खोपडकर, जानराव कांबले भी उपस्थित थे. एड. तोटे ने बताया कि, संपूर्ण राज्य में अलग-अलग गांव में ऐसी ई-क्लास व गायरान जमीन पर अनेक किसानों ने अतिक्रमण कर परिवार का पेट भरने के लिए खेती की है. करीबन 40 वर्ष से अधिक समय से लोग ऐसी जमीन पर खेती कर रहे है. इस जमीन को नियमाकुल करने की मांग को लेकर संपूर्ण राज्य में बडा आंदोलन भी हुआ था. तब महाराष्ट्र शासन ने ऐसे अतिक्रमण धारकों का अतिक्रमण नियमाकुल करने के उद्देश्य से दादासाहेब गायकवाड सक्षमीकरण योजना के तहत निर्णय जारी किए थे. मुंबई के उच्च न्यायालय में इस संबंध में पिटीशन दाखिल किया गया था तब हाईकोर्ट ने 16 अप्रैल 1980 के पूर्व का अतिक्रमण नियमाकुल करने के शासन को निर्देश दिए थे. तब वाशी के विधायक विवेक पंडित के निर्वाचन क्षेत्र का ही ऐसा अतिक्रमण नियमाकुल किया गया. राज्य में अन्य स्थानों पर इस आदेश पर अमल नहीं हुआ. इस कारण वर्ष 2013 में विदर्भ के अनेक लोगों ने नागपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका शुरु की. हाईकोर्ट ने 16 अगस्त 2017 से जिलाधिकारी को ऐसे प्रकरणो पर सुनवाई शुरु करने के निर्देश दिए तब जिलाधिकारी द्वारा नोटिस भी जारी की और सुनवाई भी हुई. लेकिन अब तक इस पर कोई फैसला नहीं सुनाया गया है. इस कारण आज पत्रकार परिषद के माध्यम से संजय खोपडकर और जानराव कांबले ने एड. धनंजय तोटे के माध्यम से जिलाधिकारी को 30 दिन के भीतर ऐसे प्रकरणों की सुनवाई शुरु कर निर्णय देने अन्यथा फिर से न्यायालय में अवमानना याचिका दायर करने की चेतावनी दी है.

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