अमरावतीमहाराष्ट्र

राज्यपाल ने शंकर बाबा की मानस पुत्रियों को दी कुराण, गीता और साडी

वझ्झर के अनाथ आश्रम को दी भेंट

* दिव्यांगों के प्रलंबित प्रश्न हल करने को प्राथमिकता देने का किया दावा
परतवाडा/दि.24– 18 वर्ष की आयु से अधिक दिव्यांग, लावारिसों के लिए कानून करने की मांग पद्मश्री शंकरबाबा पापलकर ने की है. उसकी जो प्रलंबित मांगे है, उसे हल करने के लिए शासन से कहकर प्राथमिकता देने का राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने वादा किया. रविवार को दोपहर 2.30 बजे उन्होंने वझ्झर के स्व. अंबादासपंत वैद्य दिव्यांग, मूकबधीर व अनाथ बालगृह को भेंट दी और वहां के बच्चों से बातचीत करने का प्रयास किया. उन्हें चॉकलेट भी दी. इस अवसर पर उन्होंने शंकरबाबा की विवाहित मानस कन्याओं को कुरान गीता और साडी भेंट स्वरुप दी.
शंकरबाबा की विवाहित मानस पुत्री सलमा और सईद खान को भेंट वस्तु व कुराण ग्रंथ भेंट किया गया. इसके अलावा पद्मावती व दिलीप ढगे, देवी व बल्लम पापलकर, वैशाली और अनिल पापलकर, शोभा और अमित पापलकर, सुशीला और अशोक देशमुख, शैलजा और राजेंद्र फुले को भेंट वस्तु व गीता ग्रंथ भेंट दिया गया. आश्रम की गांधारी ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया. देश के एकमात्र दिव्यांग पुनर्वसन करने वाले स्व. अंबादासपंत वैद्य मतिमंद, मूकबधीर, अनाथ बालगृह द्वारा उत्कृष्ठ कार्य करने पर शंकरबाबा पापलकर को 2024 में पद्मश्री पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. बाबा का कार्य प्रशंसनीय है. उन्होंने अपने कृति से यह कर दिखाया है. मंत्री द्वारा भेजा गया पत्र बच्चों के हाथों स्वीकार किया. उनके कार्यों की प्रेरणा लेकर सामाजिक संस्था और अन्यों ने भी इस कार्य में सामने आना चाहिए, ऐसा आवाहन भी राज्यपाल ने इस अवसर पर किया. वझ्झर में 123 दिव्यांग अनाथ बच्चे है. 12 अनाथ बच्चों ने सरकारी नौकरी प्राप्त की तथा एक नेत्रहीन युवती ने एमपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की है. दिव्यांगों की पुनर्वसन में यह इतिहास है. वझ्झर जैसे स्थल पर शंकरबाबा ने 18 वर्ष की आयु से अधिक अनाथ व दिव्यांग बच्चों के पुनर्वसन का प्रश्न हल किया. उनके कार्यों की जितनी भी प्रशंसा की जाये, वह कम है. शासन ने इसे गंभीरता से लिया है. उनके द्वारा प्रस्तुत किये गये प्रश्न हल करने के लिए प्राथमिकता दी जाएगी, ऐसा भी राज्यपाल ने कहा. इस अवसर पर मेलघाट के विधायक केवलराव काले, जिलाधिकारी सौरभ कटियार, राज्यपाल के परिवार प्रबंधक जितेंद्र वाघ, आदिवासी विकास के अतिरिक्त आयुक्त रवींद्र ठाकरे, सेवानिवृत्त सूचना अधिकारी अनिल गडेकर, उपविभागीय अधिकारी बलवंतराव अरखराव, तहसीलदार डॉ. संजय गरकल, अक्षय मांडवे, मनीष देशमुख, कैलास गुलसुंदरे, योगेश रेवस्कर, समाज कल्याण उपायुक्त राजेंद्र जाधवर, तथा अन्य विभाग के अधिकारी प्रमुख रुप से उपस्थित थे.

* साडी चोली के साथ पवित्र ग्रंथ
एमपीएससी में सफलता प्राप्त करने वाली गांधारी नामक डॉ. शंकरबाबा की नेत्रहीन मानस कन्या का इस अवसर पर राज्यपाल के हाथों सत्कार किया गया. राज्यपाल ने इस मौके पर दिव्यांग बच्चों के साथ संवाद किया. राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने तमिलनाडू पद्धति से कांजीवरम साडी-चोली विवाहित कन्याओं को भेंट की.

* बुरडघाट निवासी शाला को भी दी भेंट
राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन वझ्झर के अनाथाश्रम को भेंट देने के बाद इसी अनाथाश्रम की अनुसूचित जाति व नवबौद्ध छात्राओं की निवासी शाला बुरडघाट पहुंचे. वहां पर उन्होंने छात्राओं के साथ मुलाकात कर उनसे संवाद किया. पश्चात वे मुंबई जाने के लिए बेलोरा की तरफ रवाना हुए.

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