अमरावती

गोदाम से सीधे राशन दुकान पहुंचेगा अनाज

जल्द ही कालाबाजारी पर लगेगा अंकुश

अमरावती/ दि.27– महाराष्ट्र शासन ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बदलाव कर सिंगल स्टेज डोअर डिलेवरी व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है. विभाग के चार जिले में यह निर्णय लागू हुआ है, मगर अमरावती में नया ठेेकेदार नियुक्त नहीं किया है. अमरावती में भी यह निर्णय जल्द लागू कर भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) गोदाम से माल सीधे राशन दुकान में पहुुंचाया जाएगा, इस निर्णय के कारण अनाज की होने वाली कालाबाजी व यातायात पर खर्च कम होगा. अमरावती शहरी क्षेत्र में यह व्यवस्था शुरु हो गई है, जल्द ही ग्रामीण क्षेत्र में शुरु की जाएगी.
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से वितरित किये जा रहे अनाज नियुक्त ठेकेदार के ट्रक व्दारा भारतीय खाद्य निगम के गोदाम से शहरी क्षेत्र के खाद्य व रसद विभाग के विपणन शाखा के गोदाम में पहुंचाया जाता है. जिले में हर माह 1 लाख 40 हजार क्विंटल याने 14 हजार टन अनाज का वितरण किया जाता था. कोरोना काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना अंतर्गत 5 किलो गेहूं, इसी तरह किसान लाभार्थियों के लिए योजना शुरु किये जाने के कारण 90 हजार क्विंटल अनाज का वितरण बढ गया है. जिसमें अंत्योदय राशन कार्ड धारकों को प्रति परिवार 35 किलो व प्रधान्य गुट परिवार के लाभार्थियों को प्रति किलो 5 किलो, किसान लाभार्थी को प्रति व्यक्ति 5 किलो और गरीब कल्याण योजना के माध्यम से प्रति व्यक्त 5 किलो चावल, 5 किलो गेहू नि:शुल्क दिया गया. संबंधित अनाज धामणगांव के गोदाम में भंडारण किया जाता है. वहां से तहसील अंतर्गत राशन दुकान में भेजा जाता है. लाभार्थियों को हर माह 1 लाख 40 हजार रुपए क्विंटल अनाज वितरित किया जाता है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना अंतर्गत 90 हजार क्विंटल अनाज बढ जाने के कारण प्रशासकीय यंत्रणा भी परेशान हो गई है. इस दोैरान अनाज की कालाबाजारी होने का आरोप भी लगाया जा रहा है. दूसरी ओर ठेकेदार की शिकायत भी बढ गई थी. एफसीआई गोदाम में नापजोख करते समय अनाज में कमी आने की शिकायत बढ जाने के कारण राज्य शासन ने एफडीआई के गोदाम से सीधे राशन दुकान पर अनाज पहुंचाने का निर्णय लिया है.

वन नेशन वन राशन कार्ड प्रणाली लागू
राज्य सरकार के निर्णय के साथ ही वन नेशन वन राशन कार्ड का निर्णय भी सरकार ने लागू किया है. भारत में कही का भी व्यक्ति किसी भी राशन दुकान से अनाज ले सकता है, यह निर्णय के कारण नए प्रोजेक्ट में काम करने वाले, इसी तरह मजदूरी करने वाले लाभार्थियों को समीपस्थ दुकान से अनाज लेने में आसानी होगी, इस निर्णय से विभाग के कामकाज में पारदर्शता आयेगी, ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है.

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