अमरावती/प्रतिनिधि दि.५ – जिले में रोजाना होेने वाली 8 हजार टेस्टिंग अब 3 से 4 हजार के दरमियान पहुंंच गई है. बावजूद इसके पॉजिटीव मिलने वाले मरीजों का प्रमाण बढते ही जा रहा है. टेस्टिंग में पॉजिटीव का प्रतिशत 19.10 फीसदी है. जिसके परिणाम स्वरुप कोरोना का कहर बढ रहा है.
यहां बता दें कि जिले में बीते फरवरी माह के आखिर से कोरोना संक्रमण बढने लगा है. जिले में इस दौर में 8 हजार टेस्टिंग की गई. जिले में सबसे ज्यादा आरटीपीसीआर जांच हो रही है. कभी कभार रेैपिड एन्टीजन टेस्टिंग भी की जा रही है. रेैपिड एन्टीजन टेस्टिंग निजी लैब में कराने पर जिलाधिकारी ने मना कर दिया है. यह जांच निगेटीव आने पर आरटीपीसीआर करानी पडती है, लेकिन इस ओर लोग नजर अंदाज कर रहे है. जिले में सभी प्रकार की टेस्टिंग की संख्या 4.40 लाख के आसपासा हैं. संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ के लैब पर टेस्टिंग की सर्वाधिक जिम्मेदारी है. निजी लैब से भी यहां के पीडीएमसी के लैब में टेस्टिंग कराई जाती है. सभी तहसील मुख्यालयों सहित अमरावती के 7 केंद्रों पर नागरिकों के स्वैब लिये जाते है. यहां पर रैपिड एन्टीजन टेस्ट भी कराई जाती है. इसके अलावा मनपा व कुछ तहसील मुख्यालय के नागरिकों के रैपिड एन्टीजन टेस्ट कर पॉजिटीव मरीजों की कोरोना केअर सेंटर में रवानगी की जाती है.
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रैपिड एन्टीजन में 10.46 प्रतिशत पॉजिटीविटी
जिले में अब तक 1,84510 रैपिड एन्टीजन टेस्टिंग की गई है. इनमें से 19,300 रिपोर्ट पॉजिटीव आयी है व 10.46 फीसदी पॉजिटीविटी का पंजीयन किया गया है. मनपा क्षेत्र में 85,871 टेस्टिंग की गई है. इनमें 7 हजार 675 पॉजिटीव व 10.12 फीसदी पॉजिटीविटी दर्ज की गई है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में 1,8,639 टेस्टिंग की गई है. जिसमें 11,625 की रिपोर्ट पॉजिटीव पायी गई है व 10.70 फीसदी पॉजिटीविटी पंजीबध्द की गई है.
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शहर से ज्यादा ग्रामीण में टेस्टिंग बढी
अप्रैल माह में ग्रामीण इलाकों में कोेरोना का कहर बढा. जिसके चलते टेस्टिंग भी बढ गई. जिला ग्रामीण स्वास्थ्य विभाग के अनुसार रोजाना ढाई हजार तक नमुने लिये जा रहे है. वहीं शहर के डेढ से दो हजार नमुने जांच के लिए भेजे जा रहे है. नये पॉजिटीव में 30 से 35 फीसदी मरीज मनपा क्षेत्र के व 65 से 70 फीसदी मरीज ग्रामीण इलाकों के पाये जा रहे है.
सप्ताह में टेस्टिंग का प्रमाण में औसतन पॉजिटीविटी 22 फीसदी है. टेस्टिंग कम हो गई है. अब रैपिड टेस्टिंग भी ग्रामीण इलाकों में बढाई जा रही है. एक मरीज के पीछे 8 से 10 कान्टैक्ट ट्रेसिंग किये जा रहे है.
– शैलेश नवाल, जिलाधिकारी