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अमरावती मंडल की खबर का शानदार असर

बेलोरा विमानतल से वन्य प्राणियों के रेस्क्यू में तेजी

* वनविभाग के 40 से 50 कर्मियों का दस्ता जुटा काम पर
अमरावती/दि.27 – समिपस्थ बेलोरा स्थित अमरावती विमानतल के 1500 एकड क्षेत्रफल वाले परिसर में खुलेआम विचरण करने वाले विविध वन्य प्राणियों को लेकर गत रोज दैनिक अमरावती मंडल द्वारा प्रकाशित खबर का असर यह रहा कि, आज सुबह से वनविभाग का दस्ता पूरे लावलष्कर के साथ बेलोरा में विमानतल परिसर पहुंचा और इस परिसर में खुलेआम घुमने वाले वन्य प्राणियों की तलाश करते हुए उन्हें किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर ले जाकर छोडने की कवायत शुरु की गई.
बता दें कि, गत रोज ही दैनिक अमरावती मंडल ने प्रमुखता के साथ समाचार प्रकाशित करते हुए बताया था कि, बेलोरा के निकट 1500 एकड क्षेत्रफल वाले परिसर में साकार अमरावती विमानतल के रनवे सहित मुख्य इमारत के आसपास अब भी हीरण, चीतल, सांभर, कालवीट, रोही, नीलगाय, जंगली सुअर व मोर जैसे करीब

डेढ सौ से पौने दो सौ वन्य प्राणियों की मौजूदगी रहती है, जो इस पूरे परिसर में खुलेआम इधर से उधर घुमते रहते है. ऐसे में इन वन्य प्राणियोें के रहते बेलोरा विमानतल से हवाई जहाजो के टेक ऑफ व लैंडिंग को शुरु करना खतरनाक साबित हो सकता है. इस खबर में यह भी बताया गया था कि, विगत करीब दो माह से एमएडीसी द्वारा वनविभाग का सहयोग लेते हुए परिसर में रेस्क्यू ऑपरेशन को चलाया जा रहा है, लेकिन इसे अपेक्षित सफलता नहीं मिली है. जिसके चलते गत रोज अमरावती जिले के दौरे पर आये राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से विमानतल परिसर में ही वनविभाग के एक अधिकारी ने इस संदर्भ में बातचीत की. जिसके बाद डेप्यूटी सीएम अजीत पवार ने तुरंत ही वनविभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इस बारे में आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये. जिसके चलते आज सुबह से वनविभाग के 40 से 50 अधिकारियों व कर्मचारियों का दल विमानतल परिसर में वन्यप्राणियों का रेस्क्यू करने हेतु जाले व ट्रैप लेकर घुमता रहा, ताकि जानवरों को पकडकर उन्हें किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर छोडा जा सके. यह अभियान अभी और कुछ दिन जारी रहेगा, ऐसी जानकारी है.

* विमानतल पूरी तरह तैयार होने में एक माह का समय
वहीं इस दौरान यह जानकारी भी सामने आयी है कि, बेलोरा परिसर स्थित अमरावती विमानतल की मुख्य इमारत का काम पूरी तरह से खत्म होने मेें अब भी करीब एक माह का समय लगेगा. वहीं इस दौरान आगामी अक्तूबर माह में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो जाएगी. ऐसे में बेलोरा विमानतल के उद्घाटन और यहां से नियमित हवाई उडानों के शुरु होने का मामला करीब 2 से 3 माह के लिए अधर में लटक सकता है.

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