अमरावती

छोटे-मोटे कार्य में छिपी महानता का स्वीकार करना चाहिए

अमृत वर्षा व्याख्यानमाला में स्वामी गोविंद देव गिरी महाराज ने कहे आशीर्वचन, रोटरी क्लब ऑफ अमरावती अंबानगरी का आयोजन

अमरावती /दि. २५– संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में तीन दिवसीय अमृत वर्षा व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया. इस व्याख्यानमाला में परम श्रद्धेय श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट अयोध्या के कोषाध्यक्ष आचार्य स्वामी गोविंद देव गिरी महाराज के आशीर्वचन का लाभ अंबानगरी वासियों ने उठाया. रोटरी क्लब ऑफ अमरावती अंबानगरी द्वारा कृष्ण नीति पर आधारित ‘अमृत वर्षा व्याख्यानमाला’ का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरूआत आचार्य स्वामी गोविंद देव गिरी महाराज के हाथों सर्वप्रथम दीप प्रज्वलित कर तथा संत गुलाबराव महाराज की प्रतिमा पूजन से की गई. इस अवसर पर आचार्य स्वामी गोविंद देव गिरी महाराज ने कहा कि, छोटे-छोटे कार्य में महानता छिपी होती है. उसे स्वीकारना चाहिए. क्या हमने कभी किसी का प्रेम प्राप्त किया है. किसी को प्रोत्साहित किया, यह सवाल खुद से पूछने पर जो जवाब आता है. उसमें ही स्वयं के साथ होने वाली घटनाओं का रहस्य छिपा होता है. अगर हम किसी को प्रोत्साहित करते हैं तो हमारे कार्य की भी कोई सराहना करता है. कार्यक्रम के दौरान विविध भजन प्रस्तुत किए गए. कार्यक्रम में रोटरी अमरावती अंबानगरी के सदस्य रोहित अग्रवाल, बजरंग चांडक, डॉ. अरविंद देशमुख, अमित हिंडोचा, सचिन रौंदलकर, विक्रांत जोशी, माहेश्वरी पंचायत की ओर से उपाध्यक्ष सुरेश साबू, रोटरी क्लब मिडटाउन के अध्यक्ष राजेश खंडेलवाल, वरिष्ठ नागरिक जीवनलाल गांधी, कमल किशोर मालानी, पुरुषोत्तम मुंदडा, सीए श्याम राठी, ओमप्रकाश नांवदर, सीए गिरधर राठी, सीए एसोसिएशन के अध्यक्ष सीए पवन जाजू, डॉ. लवनकर, समाजसेवी लप्पी भैया जाजोदिया, पूर्व महापौर चेतन गावंडे, ओमप्रकाश परतानी, रामेश्वर गुल्हाने, विष्णुशंकर खत्री आदि प्रमुखता से उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन नीलेश परतानी ने किया. कार्यक्रम को सफल बनाने रोटरी अंबानगरी के अध्यक्ष नंदकिशोर राठी तथा आयोजन समिति प्रमुख सीए आशीष हरकुट सहित राम छुटलानी, सुरेश मेठी, प्रशांत करवा, सारंग राउत, डॉ. मोनाली ढोले, सुशील कोटेचा, राजेश मित्तल, अमोल चवने, अमेय वैद्य, अमोल ठाकरे, अजय लोया, सुशील लढ्ढा, उदय कालमेघ, आशीष वाकोडे, प्रशांत मोंढे आदि ने सहयोग किया.

आचार्य श्री स्वागत व सत्कार
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में स्व. मदनलाल राठी की स्मृति में नारायण दास राठी एवं परिवार, तलेगांव श्यामजीपंत परिवार, रोटरी अमरावती अंबानगरी के अध्यक्ष नंदकिशोर राठी व उनकी टीम तथा सुनील राणा, खामगांव बैंक की ओर से आचार्यश्री का स्वागत, सत्कार कर उनका आशीर्वाद लिया. इस अवसर पर कार्यक्रम के सह प्रायोजक इलेक्ट्रिक एण्ड एंटरप्राइजेज के रवि ऊर्जा के विक्रांत जोशी का आचार्य श्री के हाथों सत्कार किया गया.

वेद विद्यालय को आर्थिक सहायता
अमृतवर्षा व्याख्यान के द्वितीय सत्र में डॉ. विजयकुमार हरकुट परिवार की ओर से स्वामीजी के वेद विद्यालय को एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई. इसी श्रृंखला में फिलहाल कैनडा यात्रा पर रहे वीरेंद्र भट्टड परिवार की ओर से भी २ लाख का धनादेश स्वामीजी को सौंपा गया.

‘अगर गलती रुलाती है, तो राहें भी दिखाती है’
आचार्य स्वामी ने ‘अगर गलती रुलाती है, तो राहें भी दिखाती है, मनुज गलती का पुतला है, जो अक्सर हो ही जाती है…’ इस गीत के माध्यम से मनुष्य गलती करता है तो उसे माफ करने का प्रयास करें. ऐसा कहा. जीवन में व्यक्ति में समष्टि, समरसता होनी चाहिए. इससे व्यक्ति के प्रति प्रेम, अपनापन, समाज के प्रति निष्ठा और समाज में समानता के साथ एकरुप होने का भाव उत्पन्न होता है. इसका बेहतरीन उदाहरण कृष्ण खेल होता है. जब वे ईश्वर रुप होने के बाद भी खेल-खेल में पराजित होकर दूसरे को जीतने का मौका देते हैं, वह केवल उन्हें प्रोत्साहित करना होता है. कृष्ण की जीवन लीला से हमें जीवन की प्रगल्भता का दर्शन होता है. जब समाज संगठित होकर शक्ति स्वरूप बन जाता है तो आज के युग के रावण का वध करना संभव होता है. संत रामदास के दोहे सुनाते हुए उन्होंने कहा कि संत रामदास कहते हैं कि जो गलती करता है ऐसे व्यक्ति से इतनी ही दूरी रखो, जितनी आपके लिए सही है. ना तो उस पर अंधविश्वास हो ना ही उसे समाज से बाहर करें.

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