अमरावतीमहाराष्ट्र

जानलेवा बने उडानपुल के ग्रे

सिरदर्द बनी राजापेठ व राजकमल ब्रीज से आवाजाही

अमरावती/दि.12– राजापेठ रेलवे ओवर ब्रीज के साथ शहर के पूरातन राजकमल चौक – रेलवे स्टेशन पुल पर गड्ढो की भरमार है. बारिश के कारण सडक उखडने से दोनों उडानपूल के दोनों ओर बडे-बडे गड्ढे हो गए है. जो राहगिरों के लिए सिरदर्द बनने के साथ ही खतरनाक साबित हो रहे है. जिससे आए दिन दुर्घटनाओं का सिलसिला जारी है. उडानपुल पर अनेक गड्ढों की गहराई व व्यास अधिक है, जिस पर से वाहन गुजरते ही जानलेवा घटना संभावित है. लेकिन महानगरपालिका व लोकनिर्माण विभाग प्रशासन समेत शहर के जनप्रतिनिधी आंख मूंदे बैठे है. जिसके चलते किसी बडे हादसे की संभावना को नकारा नहीं जा सकता. प्रहार के रोशन देशमुख ने उडान पुल के इन गड्ढों को बुझाने की मांग की है.
नजर हटी दुर्घटना घटी
दोनों उडानपूल पर यातायात 24 घंटे शुरु रहता है. बारिश के दिनों में गड्ढों में पानी भरा रहने से यह गड्ढे नजर नहीं आते है. उसी प्रकार बस, ट्रक, कार आदि वाहनों के पिछे चल रहे दोपहिया वाहन चालकों को सामने गड्ढा होने का अंदाजा नहीं होता. ऐसे में बहुत सावधानी से वाहन चलाना पडता है. जरा सी लापरवाही जानलेवा साबित होती है. कई बार गड्ढों को बचाने के चक्कर में दोपहिया वाहनों की दुर्घटना होती है.

जनप्रतिनिधी, प्रशासन कुंभकर्णी नींद में
उडालपूल के गड्ढों को लेकर प्रशासन गांधारी बना हुआ है. महानगरपालिका प्रशासन के साथ लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को यह गड्ढे दिखाई नहीं पडते. उसी प्रकार जनप्रतिनिधि भी कुंभकर्णी नींद में है. जिसका खामियाजा राहगिरों को भुगतना पडता है. बारिश कम होने या ब्रेक में गड्ढों को पाटने या पैचिंग का काम संभव है. लेकिन इस समस्या को लेकर कोई गंभिरता नहीं देखी जा रही है. जिससे राहगिरों में रोष है.

रीढ़ की हड्डियों को पहुंच रही चोट
इन उडानपुल के ग्रे वाहन चालकों के रीढ़ की हड्डियों को चोट पहुंचा रहे है. जब वाहन गड्ढों से उछलता है, तो जोरदार झटका लगता है. सड़कों में गड्ढों के कारण सरकारी व निजी अस्पतालों में रीढ़, कमर दर्द के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. चिकित्सकों के अनुसार शरीर रीढ़ की हड्डी पर ही टिका होता है. बार-बार झटके लगने से रीढ़ की हड्डी कमजोर होने का खतरा रहता है. इसके कमजोर होने पर ब्रेक पेन, स्लिप डिस्क, गर्दन में दर्द, कलाई में दर्द, जोड़ों के दर्द के साथ ही हड्डियों से जुड़ी कई बीमारियां हो रही है. यहीं नहीं रीढ़ की हड्डी कमजोर होने पर पूरे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. गड्ढों का सीधा असर रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है. बाइक चलाने पर शरीर का पूरा दबाव कमर और गर्दन से जुड़ी रीढ़ की हड्डी पर आ जाता है. अधिक गड्ढे होने या खस्ताहाल होने पर झटके लगते हैं. इससे रीढ़ की हड्डी पर अधिक दबाव पड़ता है. इन गड्ढों के कारण रीढ़ के दर्द से परेशानी के मरीज बढ रहे हैं. उबड़-खाबड़ सड़कों पर गाड़ी चलाने के दौरान विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है. अगर कोई दुर्घटना होती है तो इसकी जिम्मेदार प्रशासन अधिकारी ओ की रहेंगी ऐसा प्रहार के रोशन देशमुख कहा है.

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