गुप्त धन खोजने वाली टोली चढी पुलिस के हत्थे
महिला सहित 6 आरोपी गिरफ्तार, डीसीपी पाटिल ने पत्रवार्ता में दी जानकारी
* 1 नाबालिग बच्चे को भी शामिल किया गया था टोने-टोटके वाली पूजा में
* गांववासियों की सतर्कता आयी काम, सूचना मिलते ही नांदगांव पुलिस ने मारा छापा
* एक-एक कर सभी आरोपी पकडे गए, जांच व पूछताछ का काम जारी
अमरावती/दि.12 – समिपस्थ माहुली जहांगिर गांव में बीती रात के दौरान एक महिला के घर में कुछ लोग गुप्त धन की खोजबीन करने हेतु तंत्र-मंत्र वाली टोने-टोटके की पूजा करने के लिए इकट्ठा हुए है और उन लोगों ने अपने साथ 10-12 साल की उम्र वाले एक बच्चे को भी लाया है. ऐसी सूचना गांव में रहने वाले एक जागरुक नागरिक के जरिए डायल 112 पर मिलते ही नांदगांव पेठ पुलिस का दल तुरंत माहुली जहांगिर गांव पहुंचा. जहां पर एक महिला के घर में जाकर जांच-पडताल करने पर वहां पूजा के साहित्य सहित खुदाई करने हेतु सब्बल रखी बरामद हुई. इस समय तक महिला के घर के आसपास गांववासियों का जमघट होता देख सभी लोग भाग निकले थे, जिन्हें एक-एक कर नांदगांव पेठ पुलिस ने अपने हिरासत में लिया. इस आशय की जानकारी आज यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में शहर पुलिस उपायुक्त सागर पाटिल द्बारा दी गई.
इस पत्रवार्ता में बताया गया कि, पुलिस के दल ने सबसे पहले इस मामले में एक महिला सहित सुखदेव वासुदेव पाटोरकर महाराज (40, भांडूम, तह. चिखलदरा) नामक व्यक्ति को एक घर के बाथरुम से पकडा. जहां पर वह छिपकर बैठा था. इसके बाद उक्त महिला व सुखदेव पाटोरकर से पूछताछ करते हुए रामकिशोर सोनाजी अखंडे (23, बुर्हानपुर, म.प्र.), संजय हरिदास बारगंडे (35, कुंभी गौरखेडा), सचिव बाबाराव बोबडे (50, कुंभी गौरखेडा) व रवि शालिकराम धीकार (27) को अपनी हिरासत में लिया. यह सभी लोग माहुली जहांगिर गांव में रहने वाली महिला के घर में कथित तौर पर गडे गुप्त धन को जमीन के नीचे से बाहर निकालने हेतु इकठ्ठा हुए थे और गुप्त धन निकालने से पहले उक्त महिला के घर में टोने-टोटके वाली पूजा करने की तैयारी कर रहे थे. जिसके लिए 10-12 वर्ष की आयु वाले एक बच्चे को भी उक्त महिला के घर पर लाया गया था. हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि, उक्त बच्चे को यहां पर लाने का क्या उद्देश्य था. इस संदर्भ में मीडिया कर्मियों द्बारा पूछे गए सवाल के जवाब में डीसीपी सागर पाटिल ने कहा कि, ऐसे मामलों में नरबली दिए जाने हेतु बच्चों के प्रयोग की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. वहीं कई बार ऐसे मामलों में पायल यानि पांव की ओर से पैदा होने वाले बच्चों का ‘टॉर्च’ यानि रास्ता बताने वाले मार्गदर्शक के तौर पर भी प्रयोग किया जाता है. इस मामले में एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक टोने-टोटके वाली पूजा करने वाले लोगों द्बारा उक्त छोटे बच्चे को पूजा स्थल पर बीचोेंबीच बिठाकर उससे यह जानने का प्रयास किया जा रहा था कि, जमीन के नीचे गुप्त धन निश्चित तौर पर कहा गडा हुआ है. ऐसे में नांदगांव पेठ पुलिस ने सभी आरोपियों को महाराष्ट्र नरबली व अन्य अमानवीय, अनिष्ठ व अघोरी प्रथा एवं जादू टोना प्रतिबंधक अधिनियम की धारा 3, अल्पवयीन न्याय व संरक्षण अधिनियम की धारा 75 के तहत अपराधिक मामला दर्ज करते हुए अपनी हिरासत में लिया.
इस पत्रवार्ता में पुलिस उपायुक्त सागर पाटिल सहित सहायक पुलिस आयुक्त प्रशांत राजे तथा नांदगांव पेठ के पुलिस निरीक्षक प्रवीण काले भी उपस्थित थे.