गारंटी मूल्य का पता नहीं, लागत खर्च भी नहीं निकल रहा
इस बार सभी उपज के दाम एमएसपी से कम, किसानों की समस्याएं बढी
अमरावती /दि.1– खरीफ सीजन में औसत से अधिक बारिश होने के चलते सोयाबीन, कपास व तुअर की फसलों पर काफी नुकसान पहुंचा था तथा उत्पादन घट गया था. इसके बावजूद भी किसानों की उपज पर न्यूनतम गारंटी मूल्य तक नहीं मिला है और किसान एक तरह से बाजार के षडयंत्र का शिकार हुआ है. जिसके चलते किसानों की आर्थिक समस्याएं व दिक्कतें काफी अधिक बढ गई है. वहीं दूसरी ओर नाफेड व सीसीआई के नियमों व शर्तों में भी किसान फंसा हुआ है.
बता दें कि, गत वर्ष अपर्याप्त बारिश तथा जारी वर्ष औसत से अधिक बारिश होने के चलते किसानों की समस्याएं काफी बढी हुई है. मूंग व उदड की फसल लेने का किसानों को समय ही नहीं मिला. साथ ही लगातार हुई बारिश की वजह से सोयाबीन, कपास व तुअर की फसलें सडकर पीली पड गई. जिसके चलते औसत उत्पादन में काफी कमी आयी. ऐसे में उत्पादन कम व मांग अधिक रहने के चलते कृषि उपज के दामों में वृद्धि होने की किसानों को पूरी उम्मीद थी. लेकिन सीजन के पहले ही कृषि उपज के दाम गिर गये और सोयाबीन को 4892 रुपए प्रति क्विंटल का गारंटी मूल्य रहने के बावजूद 4 हजार रुपए प्रति क्विंटल के दाम मिले. इसी तरह सीतादही से कपास के दाम 7 हजार रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर है. वहीं पहले ही आर्थिक दिक्कतों में रहने वाले किसानों की खेडा खरीदी में भी जमकर लूट हो रही है.
इसके साथ ही तुअर के दाम 12 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक जा पहुंचे थे. लेकिन तुअर के दाम में एक माह के दौरान ही 5 हजार रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई और अब तुअर के दाम 7 हजार रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर जा पहुंचे है. इसके अलावा कपास के आवक के घट जाने की वजह से जिनिंग उद्योग भी अपनी कुल क्षमता की तुलना में केवल 25 फीसद क्षमता के साथ काम कर रहे है.
* नाफेड व सीसीआई में नियमों व शर्तों की भरमार
जिले के 19 सरकारी खरीदी केंद्रों पर सोयाबीन की गारंटी मूल्य के हिसाब से खरीदी हो रही है, लेकिन वहां पर एफएक्यू ग्रेड व 12 फीसद आर्द्रता का मानक लगाया जाता है. जिसके चलते कई किसानों को उन खरीदी केंद्रों से अपनी उपज वापिस लानी पडती है.
इसी तरह 7 केंद्रों पर सीसीआई द्वारा कपास की सरकार मान्य दरों पर खरीदी हो रही है और वहां पर भी 8 फीसद आर्द्रता का नियम है. जिसके उपर प्रत्येक प्रतिशत के लिए दाम में 100 रुपए की कटौती होती है.
* चुनाव के दौरान किसानों को दिया गया था जुमला
विधानसभा चुनाव के मुहाने पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराजसिंह चौहान ने 15 फीसद आर्द्रता तक सोयाबीन खरीदी का आश्वासन धामणगांव रेल्वे में आयोजित सभा के दौरान दिया था और इसे लेकर केंद्र सरकार की ओर से पत्र भी जारी किया था. लेकिन राज्य सरकार द्वारा नाफेड को पत्र नहीं दिये जाने के चलते प्रचलित मानकों के अनुसार ही सोयाबीन की खरीदी हो रही है. ऐसे में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा की गई घोषणा को चुनावी जुमला माना जा रहा है.