जिले में जन्मजात मृत्यु रोकने स्वास्थ्य विभाग के समक्ष चुनौती
मेलघाट में सबसे ज्यादा प्रमाण
* पिछले वर्ष तुलना में इस वर्ष प्रमाण घटा
अमरावती/दि.23-जिले में 9 महिने की अवधि में 287 जन्मजात यानी मृत्यु स्टिल बर्थ की स्वास्थ्य विभाग ने दर्ज की है. इसमें सर्वाधिक मृत्यु मेलघाट के है. इसलिए यहां पर बालमृत्यु, माता मृत्यु और उपजत मृत्यु रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग के समक्ष बडी चुनौती है.
जब कोई महिला गर्भवती होती है, तो उसे मां बनने तक के सफर का हर पल सुखद अनुभूति देता है. नौ महिने वह बडी ही सावधानी से गर्भ में पल रहे अपने नवजात का ध्यान रखती है. प्रसुति की पीडादायक प्रसंग का सामना करती है, फिरभी कुछ माताओं के हिस्से में दुख आता है. क्योंकि प्रसुति के बाद हाथ में आया शिशु मृत होता है. जिले में अप्रैल से दिसंबर इन नौ महिने में 287 महिलाओं के हिस्से में दु:ख आया है.
* डफरीन में 144 बाल मृत्यु
जिला स्त्री अस्पताल डफरीन में अप्रैल से दिसंबर इन नौ महिने की समयावधि में 144 बालकों के मृत्यु दर्ज की है. प्रसुति दौरान एक महिला की मृत्यु दर्ज है.
* संक्रमण में मृत्यु
नाल यह माता और शिशु को जोडने वाली कडी होती है. माता से शिशु को रक्तआपूर्ति नाल करती है. इसमें समस्या आने पर पोषण न होकर शिशु मृत जन्म होता है.
* ग्रामीण में 216 मृत्यु
जिला शल्यचिकित्सक कार्यालय अंतर्गत आनेवाले ग्रामीण अस्पताल, उपजिला अस्पताल, जिला स्त्री अस्पताल में आठ महिने में 216 जन्मजात मृत्यु दर्ज की गई है.
महिना निहाय जन्मजात मृत्यु
महिना जन्मजात मृत्यु
अप्रैल 29
मई 44
जून 29
जुलाई 20
अगस्त 36
सितंबर 44
अक्टूबर 35
नवंबर 44
दिसंबर 06
मेलघाट में महिलाओं में हिमोग्लोबिन का प्रमाण कम पाया जाता है. इसलिए गर्भ में शिशु को ऑक्सिजन नहीं मिलने से जन्मजात मृत्यु होता है. इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर तथा अन्य बीमारी रहने पर जन्मजात मृत्यु हो सकती है.
-डॉ. मोनाली ढोले,
स्त्रीरोग विशेषज्ञ