अमरावती विभाग में किसान आत्महत्या का प्रमाण सबसे ज्यादा
पांच महीने में राज्य में 1046 किसानों ने मौत को लगाया गले
* सरकार ने गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत
अमरावती/दि.3– राज्य में 1 जनवरी से 31 मई 2024 दौरान करीब 1 हजार 046 किसानों ने मौत को गले लगा लिया. इस आंकडेवारी से यह बात स्पष्ट हो रही है कि, एक दिन में सात किसान आत्महत्या हो रही है. अमरावती विभाग में किसानों की आत्महत्या का प्रमाण सबसे ज्यादा होकर सर्वाधिक आत्महत्या होने वाले पहले चार जिले अमरावती संभाग में है.
राज्य में हर महीने औसतन 209 किसान आत्महत्या कर रहे है. राज्य के कुल 1046 किसानों ने की आत्महत्या में से सर्वाधिक 143 अमरावती जिले में दर्ज हुई है. दूसरे स्थान पर यवतमाल जिला है. इस जिले में विगत पांच महिने में 132 किसान आत्महत्या दर्ज हुई है. बुलडाणा और अकोला जिले में प्रत्येकी 83 किसान आत्महत्या हुई है. राज्य में कुल आत्महत्या में से 461 आत्महत्या अमरावती विभाग में होने से इस विभाग में गंभीर संकट की स्थिति दिखाई देती है. राज्य सरकार ने अमरावती संभाग के इन चार जिलों में तत्काल ध्यान देने की जरूरत है.
द यंग व्हिसलब्लोअर्स फाऊंडेशन के कार्यकर्ता जितेंद्र घाडगे ने सूचना के अधिकार कानून के अंतर्गत यह जानकारी प्राप्त की है. अमरावती विभाग में किसान आत्महत्या का प्रमाण चिंताजनक है. किसानों की जरूरतें पूर्ण करने में सरकार विफल दिखाई देती है. आर्थिक सहुलियत, मानसिक आरोग्य और शाश्वत कृषी पद्धती प्रदान करने के लिए जल्द ही और सर्वसमावेशक उपाय करने की आवश्यकता है, ऐसी राय जितेंद्र घाडगे ने व्यक्त की.
* कोंकण में एकभी आत्महत्या नहीं
प्राप्त आंकडों को देखा जाए तो कोंकण विभाग में पांच महीने में एकभी किसान ने आत्महत्या नहीं की. पुणे विभाग में 11 किसानों ने मौत को गले लगाया. सर्वाधिक यानी 8 आत्महत्या सोलापुर जिले में हुई है. नाशिक विभाग में 115, सर्वाधिक 76 आत्महत्या जलगांव जिले में दर्ज हुई है. तथा छत्रपति संभाजी नगर विभाग में भी 347 किसानों ने मौत को गले लगाया. इसमें सर्वाधिक 71 आत्महत्या बीड जिले में हुई है. नागपुर विभाग में भी 112 किसानों ने आत्महत्या की है. इसमें सर्वाधिक यानी 55 आत्महत्या वर्धा