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‘सम्मेद शिखरजी का पावन कण कण, हर जैन का जीवन अर्पण’

सकल जैन समाज का कलेक्ट्रेट पर भव्य मोर्चा

* पर्यटन स्थल नहीं, धर्मक्षेत्र बनाए रखने की मांग
* दोपहर तक बंद भी रखे ऑफिस, प्रतिष्ठान
अमरावती/ दि.23 – अमरावती के सकल जैन समाज ने सम्मेद शिखरजी तीर्थ बचाओ अभियान में आज सबेरे जयस्तंभ चौक से जिलाधिकारी कार्यालय तक विशाल मोर्चा ले जाकर झारखंड स्थित पवित्र सम्मेद शिखरजी को धर्मक्षेत्र बनाए रखने की मांग बुलंद की. मोर्चे में बडी संख्या में समाजबंधु-भगिनी सहभागी हुए. इतना ही नहीं तो अपने कार्यालय, प्रतिष्ठान, दुकानें दोपहर 1 बजे तक बंद भी रखी. झारखंड की राज्य सरकार ने सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित किया है, इसका व्यापक विरोध देशभर के जैन धर्मावलंबी कर रहे है. इसी के तहत आज अंबा नगरी में बडा मोर्चा निकाला गया.
* पुरुष सफेद और महिलाएं पीले वस्त्रों में
मोर्चे में सहभागी सैकडों स्त्री-पुरुष जैन धर्मावलंबी अपनी खास पोषाख में थे. उसी प्रकार जोश से लबालब थे. सभी ने हाथों में तख्तियां ली थी. जिन पर सम्मेद शिखरजी के समर्थन में नारे लिखे थे. उदाहरण ‘आस्था पर कुठाराघात, नहीं सहेगा जैन समाज, सम्मेद शिखरजी हमारा, प्राणों से भी सबको प्यारा, हम सबकी यहीं पुकार सम्मेद शिखरजी पर जैनों का अधिकार, सम्मेद शिखरजी का पावन कण-कण, हर जैन का जीवन अर्पण, सम्मेद शिखरजी जैनों का था, है और रहेगा.’ आदि नारे और घोषणाएं लिखी थी. मोर्चे में अनुशासन भी बडा नजर आया.
* जयस्तंभ से जिलाधिकारी कार्यालय
मोर्चा जयस्तंभ चौक से सबेेरे 10 बजे गांधीजी की प्रतिमा के पास से आरंभ हुआ. मालवीय चौक, इर्विन, गर्ल्स हाईस्कूल चौक से जिलाधिकारी दफ्तर पहुंचा. वहां कलेक्टर को 2 पेज का निवेदन दिया गया. निवेदन में गिरिडीह जिले के मधुबन में सर्वोच्च जैन शास्वत तीर्थ सम्मेद शिखरजी को जैन समाज के लिए पूजनीय और वंदनीय बताते हुए उसे वन्यजीव अभ्यारण्य घोषित करने का विरोध कर जेैन समाज का धर्मक्षेत्र कायम रखने की पुरजोर मांग की गई. पर्यटन मास्टर प्लान और धार्मिक पर्यटन सूची से बाहर करने की मांग के साथ क्षेत्र को मांस, मदीरा विक्री मुक्त पवित्र जैन तीर्थस्थल घोषित करने की मांग की गई. पर्वतराज से पेडों का अवैध कटान, पत्थरों का अवैध खनन और महुआ के लिए आग लगाना प्रतिबंधित करने की मांग भी की गई.
* बडी संख्या में सहभाग
शहर के प्रसिध्द लोगों सहित जैन समाज के गणमान्य मोर्चे में जोश के साथ सहभागी हुए. उनमें सर्वश्री सजल जैन, गौरव चोपडा, राजेंद्र बनोरे, नीलेश कलमकर, सार्थक आलसेट, कुशल दर्यापुरकर, भावेश जैन, आदेश आलसेट, नवीन चोरडिया, संजय बोबडे, भरत भायानी, रोहन देवलसी, रितेश जैन, हर्षल फुरसुले, अभिनंदन पेंढारी, अर्पण कलमकर, कोमल कलमकर, विशाल जैन, सोनू जैन, लिखित जैन, योगेश विटालकर सहित बडी संख्या में महिलाएं भी मोर्चे में सहभागी हुई.

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