अमरावती

यमूनाजी का वृंदावन के लिए उतना ही महत्व जितना शरीर में आत्मा का

वैष्णव महिलाओं ने धूमधाम से मनाया यमूनाजी का प्राकट्य उत्सव

अमरावती/दि.8 – अमरावती शहर में वैष्णव महिलाओं द्बारा आयोजित यमूनाजी का प्राकट्य उत्सव धूमधाम से मनाया गया. चैत्र नवरात्री में छठ के दिन यह उत्सव मनाया जाता है. इस बार शहर में गुजराती वैष्णव समाज की महिलाओं द्बारा बडे धूमधाम से यह उत्सव मनाया जा रहा है.
यमूना नदी पवित्र नदियों में से एक है. यमूनाजी का वृंदावन के लिए उतना ही महत्व है जितना शरीर में आत्मा का. यमूनाजी के बिना ब्रज की संस्कृति का कोई महत्व नहीं है. जहां कृष्ण है, वहीं यमूनाजी है. कृष्ण राजाओं के राजा है और यमूनाजी रानीयों की रानी है. ऐसा बखान कर यमूनाजी का प्राकट्य महोत्सव मनाया गया. इस अवसर पर हिना बाबरिया, निरु राजकोटीया, अल्पा राजकीया, एकता बाबरिया, हर्षा राजकोटीया, नेहा काटकोटीया, रंजन जसापरा, मिनाक्षी सांगानी, किरण गगलानी, कश्मीरा सांगानी, ज्योति वखारिया, इंदु मालवीय, नलीनी शाह, भावना जडिया, चेतना जसापरा, तरुवनी वैद्य, दिव्या गगलानी, रिटा रायचुरा, बासु राजा, अंजू सागलानी, पन्ना आडतिया, लिना आडतिया, अरुणा वोरा, रेखा वस्तानी, भारती राजा काश्मीरा सेठ, कल्पना पलेजा, वंदना नंदियाना, सोनल जसापरा, आशा जसापरा, अर्पिता आडतिया, रेखा आडतिया, नैना शाह, विछी शाह, हिर लोटीया, पुजा पोपट, भंसा पोपट, मालती आडतिया, पल्लवी अढिया, दिपाली जसापरा, पल्लवी गगलानी, डॉली सेठ, हिना आडतिया, ज्योत्स्ना लोटिया आदि उपस्थित थी.

 

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