अमरावतीमहाराष्ट्र

नाबालिग युवतियों पर अत्याचार का प्रमाण बढा

74 प्रतिशत प्रकरण नाबालिग युवतियों से संबंधित

अमरावती /दि.10– जिले में पिछले एक साल में 132 दुष्कर्म की घटना प्रकाश में आयी. चिंताजनक बात यानि इसमें से 98 प्रकरण नाबालिग युवतियों पर अत्याचार के थे. यानि जिले में दर्ज होने वाले 94 प्रतिशत मामले नाबालिग युवतियों पर अत्याचार से संबंधित है. जोकि काफी चिंताजनक बात है.
जिले में पिछले तीन-चार दिनों में 4 नाबालिगों पर अत्याचार की घटना घटित हुई. दर्यापुर थाना क्षेत्र में नाबालिग युवती पर अत्याचार के दो प्रकरण, चांदूर रेल्वे व लोणी थाना क्षेत्र में प्रत्येकी एक प्रकरण उजागर हुआ. इसके पूर्व नाराधमों ने जनवरी से दिसंबर 2024 में करीबन 98 नाबालिग युवतियों पर अत्याचार किये है. इसमें से 23 युवतियों को गर्भवती किया रहने की जानकारी है. महिला और नाबालिग युवतियों पर अत्याचार रोकने के लिए देश में कडा कानून अस्तित्व में रहा, तो भी अत्याचार का प्रमाण कम नहीं हुआ है. पिछले दो सालों में महिला पर बलात्कार के 245 मामले दर्ज हुए है. 2023 में 113 और 2024 में 132 मामले दर्ज हुए. पोक्सो अथवा बालकों के लैंगिक अत्याचार से संरक्षण कानून के तहत दर्ज होने वाले मामलों की संख्या काफी बडी है. अनेक बार अपने और परिणाम की बदनामी होने के भय से युवतियां सामने आकर शिकायत दर्ज नहीं करती. इस कारण दर्ज हुए मामलों में अत्याचार का प्रमाण अधिक हो सकता है. महिला और नाबालिग युवतियों पर अत्याचार का बढा प्रमाण यह समझ के बढती विकृत मनोवृत्ति का प्रकार है. इस कारण ऐसे मामलों को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाना आवश्यक है. पुलिस कार्रवाई के साथ ही नाबालिगों का प्रबोधन करना आवश्यक रहने का मत विशेषज्ञों ने व्यक्त किया है.पिछले वर्ष के पीडित 98 में से 23 युवतियां गर्भवती हुई है. उसमें से 16 युवतियों की प्रकृति को प्रसूति के कारण खतरा निर्माण हुआ था. जिस कारण उनका गर्भपात किया गया. साथ ही शेष 7 युवतियों की सकुशल प्रसूति हुई. नाबालिग युवतियों पर अत्याचार करने के प्रकरण में पोक्सो अंतर्गत आरोपियों पर मामला दर्ज किया जाता है. लेकिन फिर भी नराधमों पर वचक निर्माण होता नहीं दिखाई देता. इसके अलावा कुछ बहुल क्षेत्र के समूह में आज भी बालविवाह करवाने की परंपरा है. साथ ही गरीबी और अज्ञानता के कारण अन्य क्षेत्रों में भी बालविवाह करवा दिये जाते है. ऐसे समय पति के साथ शारीरिक संबंध प्रस्थापित हुए फिर भी पति के खिलाफ पोक्सो के तहत मामला दर्ज करने का प्रावधान कानून में है. अनेक बार प्रेम संबंधों के चलते युवतियों द्वारा भी गलत कदम उठा लिये जाते है. इस कारण लगातार होने वाली इन घटनाओं के कारण युवती सहित प्रमुख रुप से युवकों में बचपन से नैतिक मूल्य समझाना समय की आवश्यकता हो गई है. इसके अलावा वर्तमान के भौतिक सुख की दौड में युवा पीढी को लैंगिक शिक्षण की भी आवश्यकता इस निमित्त से हुई है, ऐसा समुपदेशक ने कहा.

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