नई पीढी को दाजीसाहेब का परिचय कराने वाला उपक्रम प्रशंसनीय
संपादक अनिल अग्रवाल का कथन
अमरावती/दि.29 – तपोवन के संस्थापक अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. शिवाजीराव उर्फ दाजीसाहब पटवर्धन द्वारा स्वाधीनता संग्राम में दिये गये योगदान तथा स्वातंत्र्य प्राप्ति के पश्चात कुष्ठरोगियों के पुनवर्सन हेतु किये गये उल्लेखनीय कार्यों की जानकारी नई पीढी तक पहुंचाने हेतु सभी शालाओं में व्याख्यानमाला के आयोजन का उपक्रम बेहद स्तुत्य एवं प्रशसनीय है तथा इस उपक्रम के जरिए अमरावती की नई पीढी दाजीसाहब जैसे महान व्यक्तित्व से निश्चित तौर पर परिचित होगी. इस आशय का प्रतिपादन दैनिक अमरावती मंडल व दैनिक मातृभूमि के प्रबंध संपादक अनिल अग्रवाल द्वारा किया गया.
गत रोज तपोवन परिसर स्थित विदर्भ महारोगी सेवा मंडल में स्वाधीनता सेनानी डॉ. शिवाजीराव पटवर्धन व्यायानमाला के शुभारंभ अवसर पर उद्घाटन एवं प्रमुख अतिथि के रुप में अपने विचार व्यक्त करते हुए संपादक अनिल अग्रवाल ने उक्त प्रतिपादन किया. ज्ञात रहे कि, विदर्भ महारोगी सेवा मंडलों व महामना मालवीय विद्यालय के संयुक्त तत्वावधान मेें गत वर्ष से ही दाजीसाहब पटवर्धन के कामों का परिचय नई पीढी को कराने हेतु शहर की 30 से अधिक शालाओं में व्याख्यानमाला आयोजित करने का उपक्रम शुरु किया गया. गत वर्ष इस उपक्रम को शानदार प्रतिसाद मिला और 28 शालाओं के 4 हजार विद्यार्थियों तक दाजीसाहब पटवर्धन के कार्यों को पहुंचाया गया. वहीं इस वर्ष इस उपक्रम का शुभारंभ कल 28 नवंबर को कल तपोवन परिसर में समारोहपूर्वक किया गया.
विदर्भ महारोगी सेवा मंडल के अध्यक्ष व इस उपक्रम के संकल्पक प्राचार्य डॉ. सुभाष गवई की अध्यक्षता में आयोजित इस व्याख्यानमाला उपक्रम का उद्घाटन संपादक अनिल अग्रवाल के हाथों किया गया. इस समय प्रमुख अतिथियों के तौर पर वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. गोविंद कासट, तपोवन संस्था के विश्वस्त विवेक मराठे, अश्वीन आलसी, भीमराव ठवरे, विद्या देसाई, शाला समिति के महादेव कांबले, सचिव सहदेव गोले व पूर्व विद्यार्थी कांचन पाटिल (नाशिक) उपस्थित थे. इस समय संपादक अनिल अग्रवाल ने तपोवन के बदले स्वरुप सहित तेजी से हो रहे विस्तार पर समाधान व्यक्त करते हुए संस्था के अध्यक्ष व सभी पदाधिकारियों का अभिनंदन किया. साथ ही इस अवसर पर संपादक अनिल अग्रवाल का संस्थाध्यक्ष प्राचार्य डॉ. सुभाष गवई द्वारा शाल, श्रीफल, स्मृतिचिन्ह व पुस्तक देकर सत्कार किया गया. इस समय वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. गोविंद कासट ने दाजीसाहब के साथ जुडी अपनी यादों को ताजा करते हुए उम्मीद जतायी कि, इस उपक्रम के चलते दाजीसाहब के पीछे छूट चुके काम लोगों तक पहुंचेंगे और नई पीढी द्वारा दाजीसाहब के कार्यों से प्रेरणा ली जाएगी. साथ ही अपने अध्यक्षीय संबोधन में तपोवन संस्था के अध्यक्ष डॉ. सुभाष गवई ने दाजीसाहब जैसे समर्पित व तपस्वी महापुरुष के कार्यों को लोगों तक पहुंचाने और तपोवन संस्था के कार्य में जनसहभाग बढाते हुए संस्था में रहने वाले लोगों के पुनवर्सन के मसले को हल करने का उद्देश्य सफल होने की भावना व्यक्त की.
इस कार्यक्रम में प्रस्ताविक संस्था के उपसचिव ऋषिकेश देशपांडे, संचालन शिक्षिका माधुरी शास्त्री व आभार प्रदर्शन मुख्याध्यापक जयंत बोरेकर द्वारा किया गया. इस कार्यक्रम में राजाभाउ पंचगाडे, काले गुरुजी, पूर्व पार्षद सुरेश गडलेवार, अंतर्गत व्यवस्थापक निवृत्ति वेलकर, भास्कर शेटे, उपाधिक्षक योगेश करडे आदि उपस्थित थे. आयोजन की सफलता हेतु शिक्षिका रेखा सदाशिवे, वैशाली मोकासे, वीरेंद्र देशमुख, श्याम गोदले, शिला पंधरे, योगेश योगीलवार व श्याम शेटे आदि ने महत प्रयास किये.