अमरावती/ दि. 16– संगाबा अमरावती विद्यापीठ की सीनेट सभा में बुधवार को जहां अर्थसंकल्प प्रस्तुत किया गया. वही तत्कालीन प्रभारी कुलगुरू डॉ. विजयकुमार चौबे द्बारा 28 जनवरी से 4 फरवरी दौरान विद्यापीठ का कामकाज करने का मुद्दा उपस्थित किया गया. नूटा अध्यक्ष डॉ. प्रवीण रघुवंशी, प्राचार्य डॉ. सुभाष गवई, डॉ. राधेश्याम सिकची, डॉ. नीलेश गावंडे, अमोल देशमुख ने प्रश्नोत्तर दौरान यह मामला उठाया. डॉ. चौबे के अधिकार न रहने पर भी कक्ष में बने रहने और कामकाज करने के विषय पर आपत्ति जताई. उनके प्रश्नों पर विद्यापीठ प्रशासन निरूत्तर हो गया था. उसी प्रकार इस मामले की जांच का भरोसा अधिसभा ने दिलाया.
अमोल देशमुख ने प्रश्नोत्तर दौरान डॉ. विजय चौबे संबंधी प्रश्न उपस्थित किया. उनका कार्यकाल खत्म होने पर भी डॉ. चौबे ने प्र-कुलगुरू के कार्यालय में बैठकर कामकाज किया क्या ? इस प्रश्न का हां में उत्तर दिया गया. तब नूटा के प्रा. डॉ. प्रवीण रघुवंशी ने आक्षेप लिया. डॉ. चौबे के पद पर कायम रहने पर सवाल उठाया. कुलसचिव डॉ. तुषार देशमुख ने बताया कि इस बारे में राजभवन से पत्र नहीं प्राप्त हुआ था. प्रा. डॉ. सुभाष गवई ने सवाल उठाया कि उल्लेखित अवधि दौरान डॉ. चौबे को प्र-कुलगुरू के कक्ष में कैसे बैठने दिया गया. प्रशासन ने उन्हें रोका क्यों नहीं ? इस समय प्राचार्य राधेश्याम सिकची, डॉ. नीलेश गावंडे ने भी नाराजगी व्यक्त की. डॉ. रघुवंशी ने मामला गलत हैं. डॉ. चौबे ने 28 जनवरी से 4 फरवरी दौरान नीतिगत या आर्थिक मामलो की फाइल पर दस्तकत किए क्या, इसकी जांच की मांग की. कुलगुरू डॉ. प्रमोद येवले ने जांच का भरोसा दिलाया.