वरुड/ दि.1 – वरुड पुलिस थाना क्षेत्र में वर्ष 2019 में रामभाऊ राउत की पत्थर से हमला कर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में आरोपी विजेंद्र चामलाटे को झूठे अपराध में फंसाया जा रहा है, ऐसी दलीले एड. अनिरुध्द लढ्ढा और एड. प्रेमलवार ने की. विषय मान्य करते हुए विद्यमान प्रथम जिला व सत्र न्यायालय के न्यायमूर्ति ने आरोपी को संदेह का लाभ देकर हत्या के अपराध से बाईज्जत बरी कर दिया.
शिकायतकर्ता ने वरुड पुलिस थाने में दी शिकायत के अनुसार शिकायतकर्ता का बडा भाई मवेशी चराने के लिए निकल गया. जंगल में दो व्यक्तियों ने उसे बेदम पीटा. जिसमें उसकी मौत हो गई. इस शिकायत के आधार पर अपराध दर्ज किया गया. तहकीकात में स्पष्ट हुआ कि, आरोपी विजेंद्र चामलाटे की मौसेरी बहन ललिता राउत का सोने का मंगलसूत्र एक वर्ष से गिरवी रखा था, वह वापस नहीं दिया. वापस मांगने के लिए ललिता राउत ने मृतक रामभाऊ राउत को बताया था. मृतक ने विजेंद्र को बार-बार गहने मांगे, मगर उसने उसे गुमराह किया. उस वजह से विजेंद्र व गणेश ने मिलकर पत्थर से हमला कर उसकी हत्या कर डाली. दोनों आरोपियों के खिलाफ वरुड पुलिस थाने में दफा 302, 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया. दोनों आरोपियों की ओर से एड. अनिरुध्द लढ्ढा व एड. प्रेमलवार ने दलीले पेश करते हुए अदालत को बताया कि, आरोपी और मृतक का कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कोई हत्या नहीं की. आरोपी विजय चामलाटे को झूठे अपराध में फंसाया जा रहा है. एड. प्रेमलवार ने दलील पेश करते हुए कहा कि, आरोपी गणेश घटनास्थल पर उपस्थित भी नहीं था, ऐसी कोई घटना ही नहीं हुई. दोनों वकीलों की दलीलों को मान्य करते हुए प्रथम श्रेणी जिला व सत्र न्यायालय के न्यायमूर्ति ने दोनों आरोपियों को बाईज्जत बरी कर दिया.