अमरावती

जमीन गई और घर भी गया फिर भी शिकायत करने की हिम्मत नहीं !

अनाप-शनाप ब्याज दर पर कर्ज वितरण, जनजागृति की जरूरत

अमरावती/ दि. 1– निजी साहूकारों द्बारा किसानों की मजबूरी का लाभ उठाते हुए अनाप-शनाप ब्याज दर पर कर्ज देकर प्रापर्टी पर कब्जा जमाने के मामले आज भी उजागर होते है. पंरतु ऐसे साहूकारों की उस परिसर में दहशत होने के कारण उसके खिलाफ कोई भी आवाज उठाने की हिम्मत नहीं करता.
अवैध साहूकारी रोकने के लिए सहकार विभाग ने पुलिस की सहायता लेकर स्वयं अपराध दर्ज कराना चाहिए. सहकार विभाग के हर सहायक निबंधक ज्यादा से ज्यादा साहूकारों की जांच करें. दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ उचित तरीके से अपराध दर्ज कराएं, ऐसे शासन के निर्देश है. इसके बाद भी शहर और ग्रामीण पुलिस थाना क्षेत्रों में जनवरी से 29 अप्रैल के बीच साहूकारों के खिलाफ एक भी अपराध दर्ज नहीं है. केवल पिछले वर्ष शहर और ग्रामीण पुलिस थानों में अवैध तरीके े साहूकारी करने के खिलाफ करीब 29 एफआई दर्ज की गई थी. जबकि जिला उपनिबंधक के पास 280 शिकायत की गई है. जिले में लायसेंसधारक 589 साहूकार है. इन साहूकारों को हर वर्ष 500 रूपए भरकर लाइससेंस का नवीनीकरण् कराना पडता है. खरीदी-बिक्री के लिए साहूकारों को उपनिबंधक कार्यालय का लाइसेंस जरूरी है.

* साहूकारी करेंगे तो होगी कार्रवाई
बिना अनुमति और अवैध तरीके से साहूकारी करते है तो संबंधित व्यक्ति को 5 वर्ष की कैद व 50 हजार रूपए तक जुर्माना इसमें से एक या दोनों तरह की सजा देने का नियम है.

* साहूकार परेशान करें तो कहां शिकायत दें ?
कर्ज के लिए गिरवी रखे गए उनके घर, खेती, प्लॉट अपने नाम पर कराने के लिए साहूकार ने सताना शुरू किया तो तहसील निबंधक व जिला उपनिबंधक कार्यालय में शिकायत दी जा सकती है.

* साहूकारी अधिनियम के तहत एफआईआर
पिछले वर्ष अवैध साहूकारी के आधा दर्जन से अधिक मामलों में महाराष्ट्र साहूकारी अधिनियम द्बारा अपराध दर्ज किए गए. सहकार विभाग के तहसील निबंधक व जिला उपनिबंधक ऐसे मामले में शिकायतकर्ता होते है.
विक्रम साली,
पुलिस उपायुक्त, अमरावती

 

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