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‘उन’ चारों मजदूरों का मोरगड में हुआ अंतिम संस्कार

बुलढाणा में चारों मजदूर हुए थे हादसे का शिकार

* तेज रफ्तार आयशर ट्रक चढ गया था झोपडी पर
* गहरी नींद में सो रहे थे मजदूर हुए थे घायल
* 2 की मौके पर हुई थी मौत, 2 ने अस्पताल में तोडा था दम
* अंतिम संस्कार के समय विधायक राजकुमार पटेल रहे उपस्थित
अमरावती/दि.3 – गज रोज बुलढाणा जिलांतर्गत मलकापुर-नांदुरा राष्ट्रीय महामार्ग स्थित वडनेर भुलजी गांव में घटित अजीबो-गरीब हादसे में चिखलदरा तहसील के मोरगड गांव निवासी 4 मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई थी. जिसके बाद क्षेत्र के विधायक राजकुमार पटेल द्बारा किए गए प्रयासों के चलते चारों मजदूरों के शव पोस्टमार्ट की प्रक्रिया पश्चात उनके पैतृक गांव मोरगड लाए गए. जहां पर बेहद शोकाकुल वातावरण के बीच चारों मजदूरों के पार्थिवों पर अंतिम संस्कार किया गया. इस समय विधायक राजकुमार पटेल भी उपस्थित थे. जिन्होंने चारों मजदूरों के परिवारों को ढांढस बंधाया और उन्हें सांत्वना दी.
बता दें कि, चिखलदरा तहसील अंतर्गत मोरगड गांव निवासी चारों मजदूर रोजी-रोटी की तलाश में बुलढाणा जिले के नांदूरा गांव पहुंचे थे. जहां पर नांदूरा से मलकापुर के बीच वडनेर भुलजी गांव में चल रहे निर्माण कार्य पर काम कर रहे थे. यह चारों मजदूर मेलघाट सहित छत्तीसगढ से आए अन्य मजदूरों के साथ सडक किनारे बांस-बल्ली व टीन की झोपडी बनाकर रहा करते थे. मजदूरों की इसी झोपडी पर सोमवार तडके 5.30 बजे के आसपास एक तेज रफ्तार आयशर ट्रक अनियंत्रित होकर चढ आया. इस हादसे की वजह से झोपडी में सो रहे 5 मजदूर बुरी तरह से घायल हो गए. जिसमें से प्रकाश बाबू जांभेकर (26) व पंकज तुलसीराम जांभेकर (22) की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं इस हादसे में बुरी तरह से घायल हुए अभिषेक रमेश जांभेकर (18) व राजा दादू जांभेकर (35) नामक दो मजदूरों ने मलकापुर के सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड दिया. इसी अस्पताल में इस हादसे के चलते गंभीर रुप से घायल दीपक खोजी बेलसरे (25) का इलाज जारी है.
इस घटना के बारे में जानकारी मिलते ही मेलघाट के विधायक राजकुमार पटेल ने तुरंत ही बुलढाणा के जिला प्रशासन से संपर्क करते हुए पूरे मामले की जानकारी प्राप्त की. साथ ही दुर्घटना प्रभावितों के लिए घटनास्थल पर राहत व सहायता कार्य शुरु करने के निर्देश जारी करते हुए मृतक मजदूरों के शवों को बुलढाणा से मोरगड जाने की व्यवस्था की. जिसके बाद आज सुबह चारों मजदूरों के शवों पर अंतिम संस्कार किए गए.

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