रस्सी से बांधकर तेंदुए और बडे हीरण को चुरणी के जंगल के कुएं में फेंका
शिकार का प्रयास तो नहीं? वनविभाग की जांच शुरु
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अमरावती /दि. 29– मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के गुगामल वन्यजीव विभाग अंतर्गत आनेवाले चिखलदरा वनपरिक्षेत्र के चुरणी वनखंड के एक कुएं में रस्सी से पैर बांधे हुए मृतावस्था में तेंदुआ और बडा हीरण (सांभर) बरामद हुए. यह घटना सोमवार 27 जनवरी को प्रकाश में आई. इस प्रकरण में वनविभाग ने जांच शुरु की है. इन दोनों प्राणियों के पैर रस्सी से बांधे रहने से इस प्रकरण में मानवी हस्तक्षेप का संदेह है. लेकिन यह कृत्य क्यों किया गया, यह शिकार का प्रयास था क्या, ऐसा प्रश्न निर्माण हुआ है. वनविभाग इस प्रकरण की जांच कर रही है.
मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के चुरणी वनखंड के घने जंगल में एक कुएं के आसपास दुर्गंध आती रहने से गश्त पर तैनात वन कर्मचारी ने कुएं के पास जाकर देखा तब उसमें तेंदुआ और बडा हीरण मृतावस्था में दिखाई दिया. दोनों मृत प्राणियों को कुएं के बाहर निकाला गया तब दोनों प्राणियों के पैर रस्सी से बंधे हुए दिखाई दिए. इस कारण घटना की जानकारी वनविभाग के वरिष्ठों को दी गई. प्रकरण की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए 4 पशुधन अधिकारी ने दोनों प्राणियों का पोस्टमार्टम किया. पश्चात दोनों के शव जलाए गए. इन दोनों मृत प्राणियों के नख, मूंछ, दांत व अन्य अवयव साबूत रहने का दावा वनविभाग के अधिकारियों ने किया है.
* मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं
तेंदुआ और सांभर पानी में मृतावस्था में थे. पोस्टमार्टम हुआ लेकिन उनकी मृत्यु का प्राथमिक कारण सामने नहीं आया है. शव पानी में रहने से उन पर विषप्रयोग हुआ अथवा अन्य किसी कारण से जान गई यह पशु चिकित्सक बता नहीं पाए.
* गहन जांच जारी
तेंदुआ और सांभर दोनों मृतावस्था में कुएं मे मिले है. उनका शिकार किया गया अथवा कुछ और हुआ इस बाबत हमारी जांच जारी है.
– दिव्या भारती, उपवनसंरक्षक, मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प.