अमरावती

ठेका नियुक्त स्वास्थ्य कर्मियों की जान सांसत में

नौकरी की कोई गारंटी नहीं

* आदेश की हो रही प्रतीक्षा

अमरावती/दि.2- कोविड की संक्रामक महामारी के खिलाफ चली लडाई में सबसे प्रमुख घटक रहनेवाले अस्थायी व ठेका नियुक्त स्वास्थ्य कर्मियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है, क्योेंकि इन कर्मचारियों की नियुक्ती करनेवाली आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा फिलहाल इन कर्मचारियों को किसी भी तरह की सुविधा नहीं दी जा रही है. साथ ही अब इन कर्मचारियों के पास अपनी नौकरी को लेकर कोई गारंटी भी नहीं बची है. जिससे उनके भविष्य पर सवालियां निशान लग गया है.
बता दें कि, करीब दो वर्ष पूर्व कोविड संक्रमण की शुरूआत होने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा अमरावती जिले में 1 हजार 384 लोगों की ठेका तत्व पर नियुक्ती की गई थी. किंतु कालांतर में कोविड का प्रादुर्भाव कम होने के चलते मरीजों की संख्या में कमी आयी. ऐसे में सरकार के आदेशानुसार इन ठेका नियुक्त कर्मचारियों को काम से हटा दिया गया. जिसके खिलाफ कर्मचारियों द्वारा आंदोलन भी किया गया था. किंतु सरकार ने अपने फैसले में कोई बदलाव नहीं किया. वहीं एक निजी कंपनी के जरिये 100 कर्मचारियों को दोबारा नियुक्ती दी गई. किंतु यद्यपि इन कर्मचारियों को 16 नवंबर से नियुक्ती दी गई है. लेकिन अब तक उनका नाम मस्टर में शामिल नहीं किया गया है. साथ ही नौकरी आगे भी सुचारू ढंग से शुरू रहेगी, इसे लेकर किसी भी तरह का कोई प्रावधान भी नहीं किया गया है. वहीं पता यह भी चला है कि, कंपनी द्वारा शुरूआत में अपने कर्मचारियों को 10 हजार रूपये का मानधन देने की बात तय की गई थी. किंतु हकीकत में कर्मचारियों को केवल 9 हजार रूपये का वेतन ही दिया जा रहा है. साथ ही अब उसमें विभिन्न तरह के करों की कटौती भी की जायेगी. जिससे इन कर्मचारियों का मानधन बेहद अत्यल्प रहेगा. वहीं नौकरी को लेकर भी कोई गारंटी नहीं है. ऐसे में इन कर्मचारियों में अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता व संभ्रम का माहौल है.

* वरिष्ठ अधिकारियों के फोन बंद

इस संदर्भ में कई ठेका नियुक्त कर्मचारियों ने बताया कि, निजी कंपनी द्वारा नियुक्ती करने के बावजूद उन्हें नौकरी को लेकर किसी तरह की कोई गारंटी नहीं है. वहीं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अपने फोन बंद कर दिये गये है. जिसके चलते नौकरी व भविष्य को लेकर जबर्दस्त अनिश्चितता का माहौल है.

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