परतवाडा/दि.7 – मध्यप्रदेश के सतपुडा व्याघ्र अभ्यारण्य की 4 वर्षीय शेरनी मेलघाट टायगर प्रोजेक्ट अंतर्गत अकोट वन्यजीव अंबाबारवा में 31 जनवरी को दिखाई दी. शेरनी के गले में लगी कॉलर आयडी का संपर्क सेटेलाइट से टूटा चुका है. मध्यप्रदेश वन्यजीव प्रशासन बीते कई दिनों से उस बाघिन की तलाश में जुटा है.
बीते 31 जनवरी को मेलघाट टायगर प्रोजेक्ट के अंतर्गत अंबाबारवा अभ्यारण्य के सोनाला वन परिक्षेत्र अन्यार बीट में लगे ट्रैप कैमरे में वह बाघिन कैद हुई है. फूटेज में नजर आ रही बाघिन स्थायी नहीं होने की बाद पूछताछ कर मेलघाट टायगर प्रोजेक्ट के वन्यजीव प्रशासन ने मध्यप्रदेश सतपुडा टायगर प्रोजेक्ट को इसकी सूचना दी. इसके बाद उसकी पहचान की गई. अकोट वन्यजीव विभाग के उपवन संरक्षक नवलकिशोर रेड्डी ने इस बात की पुष्टी की है. सतपुडा टायगर प्रोजेक्ट के डिप्टी डायरेक्टर सुशिलकुमार प्रजापति ने कहा कि, वह शेरनी 1 वर्ष पूर्व बांधवगढ टायगर प्रोजेक्ट से सतपुडा टायगर प्रोजेक्ट पहुंची थी.
45 दिनों में तीन राष्ट्रीय महामार्ग पार किये
यह शेरनी 250 किलोमीटर की दूरी तय कर सतपुडा से यहां पहुंची है. उसने 45 दिनों में तीन राष्ट्रीय महामार्ग पार किये है. मध्यप्रदेश के होशंगाबाद, हरदा, खंडवा और बुरहाणपुर वन विभाग के 11 वन परिक्षेत्र में विचरण करते हुए वह मेलघाट पहुंचने में सफल रही.