अमरावती /दि.29– विगत 26 अप्रैल को अमरावती संसदीय क्षेत्र में कराई गई मतदान की प्रक्रिया में प्रशासन की गलती की वजह से कई लोग मतदान से वंचित रह गए और मतदाता सूचियों में ऐसी-ऐसी गलतियां सामने आई जिन्हें देखकर लोगों ने अपना सिर ही पीट लिया. ऐसा ही एक मामला स्थानीय लघुवेतन कालोनी में रहनेेवाले यादव धर्माले के साथ घटित हुआ. जब वे गजानन महाराज हाईस्कूल में मतदान के लिए पहुंचे तो उन्हें मृत दिखाते हुए उनका नाम मतदाता सूची से डिलिट किए जाने की जानकारी उन्हें दी गई. वहीं दूसरी ओर यादव धर्माले के पिता त्र्यंबक धर्माले का पांच वर्ष पहले ही निधन हो जाने के बावजूद भी दिवंगत त्र्यंबक धर्माले का नाम मतदाता सूची में शामिल था. जिसे देखकर यादव धर्माले आश्चर्यचकित हो गए.बता दे कि, अमरावती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में विगत 26 अप्रैल को कराए गए मतदान दौरान कई मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने से वंचित रह गए, क्योंकि मतदाता सुचियों में कई तरह की खामियां थी. इसके तहत एक ही परिवार के सदस्यों का नाम अलग-अलग मतदान केंद्रो की मतदाता सूची में दर्ज था. वहीं कुछ मतदाता पहचान पत्रो पर पुरुष का नाम व फोटो रहने के बावजूद मतदाता सूची में स्त्री का नाम और पुरुष का फोटो तथा एकसमान अनुक्रमांक जैसी गडबड भी दिखाई दी. इसके अलावा विगत पांच वर्षो के दौरान लोकसभा व विधानसभा चुनाव में मताधिकार का प्रयोग कर चुके सैंकडो मतदाताओं के नाम इस बार मतदाता सूची में शामिल नहीं थे. साथ ही साथ कई इलाको में मृत घोषित मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज थे और जीवित रहनेवाले मतदाताओं के नाम मृत दर्शाते हुए उन्हें मताधिकार का प्रयोग करने से रोक दिया गया.
जानकारी के मुताबिक 64 वर्षीय यादव धर्माले के मतदान के लिए गजानन महाराज हाईस्कूल स्थित मतदान केंद्र में पहुंचे. तो उन्होंने पाया कि, मतदाता सूची में उन्हें मृत दिखाते हुए उनके नाम के आगे ‘डिलिट’ लिखा गया. ऐसे में उन्होंने मतदान केंद्र अधिकारी से मुलाकात करते हुए खुद को जीवित बताकर मतदान के अधिकार का प्रयोग करने की मांग उठाई. लेकिन उन्हें जिलाधीश कार्यालय तथा शिवाजी बीपीएड कालेज में जाकर संबंधित अधिकारियों से मिलने की सलाह दी गई. परंतु इसका भी कोई फायदा नहीं हुआ और यादव धर्माले अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाए. वहीं दूसरी ओर पांच वर्ष पहले दिवंगत हो चुके त्र्यंबक धर्माले का नाम मतदाता के तौर पर मतदाता सूची में शामिल था. ऐसे में यादव धर्माले ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
* मै जीवित हूं लेकिन उसके बावजूद मतदाता सूची में मुझे मृत दिखाते हुए मेरे नाम को डिलिट कर दिया गया. वहीं पांच वर्ष पहले दिवंगत हो चुके मेरे पिता का नाम मतदाता सूची में बतौर मतदाता शामिल है. इस बात से अवगत कराने के बावजूद भी मुझे मतदान नहीं करने दिया गया. ऐसे में इस पूरे मामले को लेकर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
– यादव धर्माले
मताधिकार के वंचित मतदाता.