अमरावती

जिस महात्मा की अध्यात्मिक प्रवृत्ति सर्वाधिक हो वही महान

शिवपुरान कथा में अनादि महाराज का कथन

अमरावती/दि.29– शहर के संतोषी नगर स्थित साहूबाग में जारी श्री शिवपुरान कथा के आठवें दिन अनादि महाराज ने संत-महात्माओं की महिमा कथन की. उन्होंने शनकादि, ऋषियों व्दारा धन्या, कलावती, नैना इन तीन बहनों दिए गए श्राप का प्रसंग सुनाया और कहा कि, संत-महात्माओं व्दारा दिया गया श्राप भी वरदान की तरह होता हैं. अध्यात्म जगत में महान होने के लिए महात्माओं ने जात, पात, आयु, पद और तजुर्बा मायने नहीं रखता. जिस महात्मा की अध्यात्मिक प्रवृत्ति सर्वाधिक होती है वही महान कहलाता हैं.
प्रवचन में अनादि महाराज ने इस प्रसंग को विस्तृत बताते हुए कहा कि, एक बार धन्या, कलावती और नैना यह तीनों बहने महान शनकादि ऋषियों का अनादर कर देती हैं. पश्चात क्रोध में आकर ऋषी उन्हें श्राप देने ही वाले होते है कि उन्हें अपनी गलती का एहसास होता हैं. वें ऋषियों से क्षमा याचना करती हैं. लेकिन ऋषियों ने इस बात के लिए श्राप देते है कि उनकी भूल अन्यों के लिए आदर्श बने और भविष्य में कोई व्यक्ति किसी महात्मा का अपमान न कर सके. समस्त ऋषिगण बहनों को श्राप देते है कि अगले जन्म में एक बहन धन्या का विवाह हिमाचल के साथ होगा और माता पार्वती की मां बनेंगी. कलावती को श्राप मिलता है कि उसका अगला जन्म द्बापर युग में होगा. उस समय वह वृषभानु की पत्नी और राधा की माता बनेंगी. नैना को श्राप मिलता है कि, उसका अगला जन्म त्रेता युग में होगा और महाराज जनक की पत्नी तथा जानकी की माता बनेंगी. महाराजजी ने आगे कहा कि ऋषियों व्दारा दिए गए श्राप भी किसी श्राप की भांति प्रतित नहीं होते. पार्वती, राधा और जानकी मैया की माता बनने का सौभाग्य भी कोई श्राप हैं? इसकी तुलना तो किसी वरदान से की जानी चाहिए. इस प्रसंग से समझ आता है कि महात्माओं व्दारा दिया गया श्राप भी वरदान से कम नहीं होता. अनादि महाराज ने बताया कि, लोग राधा और कृष्ण के चरित्र पर लांक्षण लगाने उनके मधुर रिश्ते को संदेह की नजर से देखते है और बडे अभिमान में कहते है कि भगवान कृष्ण तो राधाजी से बिना विवाह किए उनके साथ रहते थे क्या यह बात उचित हैं. ऐसे लोगों को अब सुन लेना चाहिए कि शिवमहापुरान में लिखित है, कि भगवान कृष्ण और राधा की शादी हुई थी हां उनकी अन्य 16108 विवाह भी हुए. लेकिन उन कुल विवाहों में से राधाजी के साथ हुआ विवाह भी एक था.

* अनेकों ने लिया महाराज का आशीर्वाद
संतोषी नगर के साहुबाग में जारी शिवमहापुरान महाकथा वाचक अनादि महाराज की मधुर वाणी का लाभ लेेने हेतु अनेक लोग कथा स्थल पर पधार रहे हैं. सोमवार को युवा मोर्चा शहराध्यक्ष रवि अडोकार, युवा स्वाभिमान पार्टी के शहराध्यक्ष संजय हिंगासपुरे, उपाध्यक्ष चंदू जावरे, विजय जयस्वाल, पिछडावर्गीय सेल अध्यक्ष गणेशदास गायकवाड,सुरेखा मातोले, श्वेता मातोले, सपना मुले, सुनीत गुप्ता, नेहा सदावतर्र्े, हर्षा सदावर्ते, शीतल साहु, नंदा माथुरकर, अरुणा गुप्ता, संगीता गुप्ता, पूर्व उपमहापौर कुसूम साहु, कमला सदावर्ते, आशा गुप्ता, हेमा श्रीवास, ज्योती साहु, रोशनी साहु, अनिता मातोले, लता भिसे, सुनीता वानरे, सुंनदा राउत, ममता गडवाले, हर्षा देवीकर, मनीषा टाले, प्रियंका साहु, अभिजीत गुप्ता, संजय पावडे, नीरज सदावर्ते, संजय वानरे, रमेश सरोदे, ओम साहु, अभिजीत वानरे, ध्रुव लोनारे, ओम शिंदे, देवानंद राउत, चेतन साहु, रवि डोंगरे, माणिकराव राउत, योगश वालवे, अंशुल गुप्ता, केशव साहु, राज साहु, अभय साहु, भावेश दायदार, ऋषिकेश तायवाडे, अजीत भिसाई, गौरव ढोकणे, कुणाल मेसरे, निहाल गायकवाड, सुनील मिश्रा, योगेश साहु, निशांत जोगी, विक्की वासनकर, विनायक अकोलकर, गजानन तिजारे, विश्वास यावले, पंकज सोनटक्के, अभय मुले, दीप अडगोकार, नामदेव तिजारे, श्रीरामनवमी शोभायात्रा समिति व शिवप्रतिष्ठान हिंदुस्तान के सदस्य सहित सैकडों भक्तगण उपस्थित थे.

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