अमरावती

महाविकास आघाडी सरकार ने किया विदर्भ के साथ अन्याय

पूर्व कृषिमंत्री डॉ. अनिल बोंडे ने लगाया आरोप

अमरावती/दि.15 – विदर्भ के साथ हमेशा ही अन्याय किया जाता रहा है. उसके भाग्य में हमेशा ही अन्याय ही लिखा दिखाई देता है. राज्य की महाविकास आघाडी सरकार ने फिर एक बार विदर्भ के साथ अन्याय किया है. केंद्र सरकार द्बारा राष्ट्रीय बागवानी द्बारा क्लस्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए जिले और फलों की सिफारिश मंगवाई गयी थी. किंतु राज्य के कृषि मंत्री ने अंगूर के लिए नासिक, अनार के लिए सोलापुर की सिफारिश कर अमरावती तथा नागपुर के संतरे की सिफारिश न कर विदर्भ के संतरा उत्पादकों के साथ अन्याय किया है. जिसमें नागरिकों और किसानों में असंतोष व्याप्त है. केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ विदर्भ को क्यों नहीं दिया जा रहा है और उनके साथ अन्याय किया जा रहा है ऐसी प्रतिक्रिया पूर्व कृषिमंत्री डॉ. अनिल बोंडे द्बारा व्यक्त की गई.
राज्य के पूर्व कृषिमंत्री तथा भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री अनिल बोंडे ने कहा है कि, जब अनार व अंगूर की सिफारिश की जा रही थी क्या तब विदर्भ के मंत्री व जन प्रतिनिधि नींद में थे क्या उन्होंने उस वक्त विदर्भ के संतरे की सिफारिश क्यों नहीं की. डॉ. अनिल बोंडे के अनुसार केंद्र सरकार द्बारा वृद्धिगत आर्थिक सहायता के लिए देशभर में 50 स्थानों पर कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिसमें फल बागों की निर्मिती, फलोत्पादन, मौसम के पश्चात प्रबंधन, मूल्यवृद्धि, ढुलाई, पणन व ब्रांडिग व आर्थिक सहायता कर देश व प्रदेशों के बाजारों में प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखा गया है.
इस कार्यक्रम के लिए 15 हजार हेकटर से अधिक फल बगायती क्षेत्र रहने पर 100 करोड तक आय प्राप्त होती है. 5 हजार से 15 हजार हेकटर से अधिक फल बगायती क्षेत्र रहने पर 50 करोड तक तथा 5 हजार हेकटर रहने पर 25 करोड रहने की वित्तीय सहायता प्राप्त होती है. राष्ट्रीय बागवानी मंडल ने हर राज्य के फल तथा जिलों की सिफारिश मंगवाई थी जिसमे विदर्भ के साथ अन्याय किया गया है. ऐसा आरोप पूर्व कृषि मंत्री डॉ. अनिल बोंडे ने महाविकासा आघाडी सरकार तथा राज्य के कृषि मंत्री दादाराव भूसे पर लगाया है.

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