बाजार समिति बंद, रोज 5 हजार क्विंटल की आवक थम गई
केंद्र सरकार की नीति के खिलाफ खरीददार, आडतियाओं का आंदोलन
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जिले के सोयाबीन, तुअर व चना उत्पादक संकट में
अमरावती/दि.8 – स्थानीय कृषि उत्पन्न बाजार समिति बंद रहने से रोज की तकरीबन 5 हजार क्विंटल की आवक थम चुकी है. सोयाबीन, तुअर, चना उत्पादक किसान संकट में आये है. केंद्र सरकार ने रातोरात स्टॉक लिमिट लागू करने से शनिवार 5 जुलाई से देशभर के आडतियां व खरीददारों ने (व्यापारी) व्यवहार रोक दिये. परिणाम स्वरुप 3 दिनों से एपीएमसी का यार्ड (परिसर) पूरी तरह से सन्नाटे में तब्दील हो चुका है.
अन्य दिनों सिजन में 35 हजार क्विंटल से ज्यादा अनाज की खरीदी की जाती है. किंतु फिलहाल ऑफ सिजन रहने से वह 5 हजार क्विंटल पर आई है. विदर्भ में विशेषकर अमरावती जिले में तेल बीज व दाल वर्गीय अनाज का उत्पादन अच्छा खासा होता है. जिससे यहां के सोयाबीन, तुअर, चना आदि की निर्यात भी की जाती है. बाजार समिति की नोंद ध्यान में ली तो यहां के तेल बीज व दाल वर्गीय अनाज मध्यप्रदेश, छत्तिसगड, राजस्थान, उत्तरप्रदेश के व्यापारियों को निर्यात किया जाता है. जिससे व्यापारी इस अनाज की खरीदी करते है. किंतु शनिवार को केंद्र सरकार ने नया निर्णय घोषित कर केवल 100 टन का स्टॉक लिमिट लागू किया. मुलत: यहां के व्यापारी तेल बीज व दाल वर्गीय अनाज 100 टन से अधिक प्रमाण में खरीदी करता है. जिससे सभी प्रकार के अनाज व तेल बीज मिलाकर उनके पास सैकडों टन अनाज उपलब्ध रहता है. इसके अलावा इस अनाज की समय समय पर बिक्री किये जाने से उनका व्यावसायिक चक्र भी योग्य गति से आगे जाता हेै. किंतु केंद्र सरकार के स्टॉक लिमिट के निर्णय से यह चक्र ही संकट में आया है. परिणाम स्वरुप यहां के आडतिया व खरीददारों ने व्यवहार रोक दिये है. जिससे एपीएमसी के व्यवहारों को ब्रेक लगा है.
किसानों का भी नुकसान
स्टॉक लिमिट से भाव गिर गए है. किसानों को भी झटका लगा है. भाव गिरने से सोयाबीन, चना व तुअर उत्पादकों ने बिक्री न करने का निर्णय लिया. जिससे स्टॉक लिमिट का निर्णय व्यापारी, आडतियाओं समेत वह किसानों के लिए भी नुकसानदेह रहा हेै.
फिलहाल पर्याय नहीं
आडतिया व खरीददारों ने व्यवहार रोकने से एपीएमसी का काम ठप्प पडा है. उनके प्रतिनिधियों की सराकर के साथ बातचित शुरु है. जिससे समस्या हल नहीं होती तब तक समिति का कामकाज पूर्ववत होना संभव नहीं.
– दिपक विजयकर
सचिव कृउबास, अमरावती
अचानक किया निर्णय
यह निर्णय सरकार ने लागू किया है. किंतु कोरोना स्थिति सामान्य हुए बगैर ऐसा नहीं करेंगे, ऐसा उनका कहना था. जिससे खरीदी की. यह माल कम दर से बेचा, यह नुकसान सरकार के कारण होने से व्यवहार बंद किये.
– दिपक जाजू, अध्यक्ष, खरेदीदार एसोसिएशन