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रंगोत्सव हेतु सज रहा बाजार, करोडों का व्यापार

मुंबई और गुजरात से आयी सामग्री

* पिचकारी, मुखौटे                                                                                                                                                अमरावती/ दि. 4- होली का त्यौहार 10 दिनों पर आ गया है. ऐसे में शहर के जवाहर गेट, मोची गली से लेकर दूरदराज के रविनगर, गाडगे नगर, दस्तूर नगर, राजापेठ आदि भागों में होली की गांठियां, रंग गुलाल, पिचकारियां और अन्य सामग्री की दुकानें सज रही है. एक अंदाज के अनुसार करोडों का बिजनेस होली पर होता है. अमरावती में जयपुरवाला और बारामतीवाला यह दो प्रमुख रंग रसायन विक्रेता है. उसी प्रकार सामग्री की बात करें तो मुंबई और गुजरात से लाखों के उत्पाद आयातीत किए गये हैं. एक जानकार ने अमरावती मंडल को बताया कि मोटे तौर पर दो करोड का कारोबार रंग रसायन का होता है. उसमें भी गुलाल की विक्री हाल के वर्षो में रॉकेट रफ्तार से बढी है.
* गुलाल होली का बढा प्रचलन
जवाहर गेट के भीतर दोनों प्रमुख फर्म स्थित है. वहां स्थानीय कारखानों के अलावा मुंबई और गुजरात से उच्च श्रेणी का गुलाल मंगाया जाता है. नागपुुर से भी कुछ प्रमाण में गुलाल विविध रंगों में मंगाया जाता है. इस गुलाल की समूचे जिले में डिमांड रहती है. सभी गांवों में अब रंग की बजाय गुलाल से होली खेलने का प्रचलन बढा है. * 50 टन से अधिक विक्री
मार्केट के सूत्रों ने बताया कि अमरावती शहर में मोटे तौर पर 50 टन गुलाल की विक्री होती है. जिसकी अमूमन प्रति किलो कीमत 50-60 रूपए हैं. उसी प्रकार रंग रसायन की विक्री कम हो रही है. इसके कई कारण बताए जा सकते हैं. फिर भी होली पर सर्वत्र गुलाल विक्री की धूम रहती है. अमरावती का माल बडी मात्रा में यहां-वहां भेजा जाता है.
* पिचकारी, मुखौटे
मोची गली में खेल खिलौने की दुकानों पर पिचकारी व मुखौटे एवं अन्य सामग्री की दुकानों में होल सेल के ऑर्डर शुरू हो गये हैं. सभी प्रकार की पिचकारी वहां उपलब्ध हैं. 50 रूपए से लेकर 1200 रूपए तक पिचकारी रहने की जानकारी रामदेव फ्लॉवर्स के संचालक अमित गोयल ने दी. अभी दो दिनों बाद फुटकर ग्राहकी बढने की आशा गोयल ने व्यक्त की. उन्होंने बताया कि होलसेल व्यापारियो के यहां ऑर्डर की रेलचेल है.

* चीनी की गाठियों का 200 क्विंटल का बिजनैस
गांधी चौक के पास उमर वैश्य स्वीटमार्ट के हरिशंकर रामप्रसाद उमरवैश्य ने बताया कि 200 क्विंटल का कारोबार गांठी का होेेने का अनुमान है. उन्होंने बताया कि विविध आकार प्रकार की गांठी की माला लोग पसंद करते हैं. उनके रेट 50 रूपए किलो से लेकर 400 रूपए किलो तक हो गये हैं. उल्लेखनीय है कि पाडवा पर गुढी सजाने में भी शक्कर की गांठी की माला पहनाई जाती है. जबकि रंगोत्सव अर्थात होली पर धुलंडी के दिन सबेरे अपने इष्ट, भगवान को गांठी की मालाएं अर्पित की जाती है.
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* रंगों के स्प्रे
एक ओर गुलाल होली का चलन बढा है. दूसरी ओर कंपनियों द्बारा निर्मित कलर स्प्रे की डिमांड होली पर रहती है. यह कलर स्प्रे 20 से लेकर 80 रूपए में उपलब्ध है.

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