अमरावती

लम्पी बीमारी के उपचार के बजाय मेलघाट में अंधश्रद्धा का बाजार

आदिवासियों में दहशत

ग्राम देवता से मांग रहे मन्नत
चिखलदरा -दि.16 आदिवासी बहुल मेलघाट में पशुओं पर लम्पी बीमारी के प्रादूर्भाव का उपचार करने के बजाय आदिवासी पशु पालक ग्रामदेवता से मन्नत मांग रहे है. यह चित्र गुरुवार को तहसील के चिखली गांव में दिखाई दिया. मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के अतिसंरक्षित क्षेत्र के आदिवासियों के पशुओं पर लम्पी बीमारी का प्रादूर्भाव बढने से पशुपालकों गरीब आदिवासी किसान परेशान हैं. दूसरी ओर गांव में अन्य पशुओं पर इस रोग का प्रादूर्भाव न पडे. जिसकों लेकर मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के अतिसंवेदनशील गांव में जनजागृति व टीकाकरण की जानकारी दी जा रही हैं.
किंतु पशु वैद्यकीय विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में वैक्सिन उपलब्ध नहीं हैं. लम्पी बीमारी से संक्रमित क्षेत्रों में तत्काल उपाययोजना व पशुओं के टीकाकरण की आवश्यकता हैं. मेलघाट के आदिवासी पाडे जंगल की सीमा पर रहने की वजह से पशु विभाग व व्याघ्र प्रकल्प को काफी मशक्कत कर वन्यजीवों को बचाने की आवश्यकता हैं. किंतु वैक्सिन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध न होने की वजह से अब भी टीकाकरण की शुरुआत नहीं की गई.

* पशुओं के लिए मांगी गई मन्नत
पशुओं पर लम्पी बीमारी का प्रादूर्भाव आने से पशु चारा नहीं खा रहे व पानी भी नहीं पी रहे. पशुओं की जान बचाने ग्रामदेवता मुठाडदेव के पास हम आदिवासियों ने पूजा अर्चना कर मन्नत मांगी और प्रार्थना की.
– अभिराम भारवे, किसान, चिखली.

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